सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के प्रदर्शनकारी छात्रों को लेकर बयान दिया. इसे लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने NDTV के कॉपी को ट्वीट करते हुए लिखा, 'लीडर्स वह नहीं होते जो लोगों को आगजनी या उपद्रव में हथियार उठाने के लिए प्रेरित करे': नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर सेना प्रमुख.
'मैं जनरल साहब से सहमत हूं, लेकिन लीडर्स वे भी नहीं होते हैं जो अपने समर्थकों को सांप्रदायिक हिंसा के नरसंहार में शामिल करते हैं. क्या आप मुझसे सहमत हैं जनरल साहब?
"Leaders Not Those Who Lead Masses In Arson": Army Chief On Citizenship Protests
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 26, 2019
I agree General Saheb but also Leaders are not those who allow their followers to indulge in Genocide of Communal Violence. Do you agree with me General Saheb? https://t.co/rOo0vFGMIf
ओवसी ने भी उठाए सवाल
इससे पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्वीट किया, जिसमें लिखा- 'किसी के पद की सीमाओं को जानना ही नेतृत्व है. नागरिक सर्वोच्चता के विचार को समझने तथा अपने अधीन मौजूद संस्थान की अखंडता को सुरक्षित रखने के बारे में है.'
Leadership is knowing the limits of one's office.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 26, 2019
It is about understanding the idea of civilian supremacy & preserving the integrity of the institution that you head https://t.co/qqbxgGj72j
क्या कहा सेना प्रमुख ने?
बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने एक इवेंट के दौरान कहा, 'नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं. जैसा कि हम लोग गवाह रहे हैं कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों ने शहरों और कस्बों में आगजनी और हिंसा करने के लिए जन और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं. यह नेतृत्व नहीं है.'
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए.
CAA Protest पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा- नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में...
15 दिसंबर को इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए. जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए. 17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए. कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिया गया.
14 महीने की बच्ची के माता-पिता जेल में, CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए थे गिरफ्तार
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 19 दिसंबर, 2019 को देश के कई हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी गई है. उधर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा.
VIDEO: असदुद्दीन ओवैसी ने बताया- क्या है NRC और NPR में अतंर?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं