विज्ञापन
This Article is From Dec 16, 2016

डिजिटल पेमेंट जीवनशैली बने, बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बोले पीएम मोदी

डिजिटल पेमेंट जीवनशैली बने, बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बोले पीएम मोदी
फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया. बैठक की जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बताया कि बैठक में पीएम ने डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था पर जोर दिया.

पीएम ने डिजिटल पेमेंट को जीवनशैली बनाने की बात की और कहा कि इससे काले धन और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति मिलेगी. उन्‍होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था अपनाने से देश में भ्रष्‍टाचार खत्‍म होगा. पीएम ने कहा कि किसी भी दल से देश बड़ा है लेकिन कांग्रेस के लिए देश से बड़ा दल है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले की सरकार के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था, लेकिन इस सरकार ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढ़ाया है तो विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकार (यूपीए) के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था. लेकिन अभी की सरकार (एनडीए) ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढ़ाया है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री ने लोगों से अपनी जीवनशैली के रूप में डिजिटल अर्थव्यवस्था का उपयोग करने का आग्रह किया जो भ्रष्टाचार और कालाधन को समाप्त करने में कारगर होगा. मोदी ने कहा, ‘इससे लेनदेन प्रभावी और पारदर्शी बनेगा.’ प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि इससे पहले, विपक्षी दल 2जी, कोलगेट जैसे घोटालों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद होते थे लेकिन अब विपक्ष कालेधन और भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए सरकार के प्रयास के खिलाफ एकजुट है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए पार्टी का हित देशहित से ऊपर है लेकिन भाजपा के लिए देश हित सर्वोच्च है. भाजपा संसदीय दल की बैठक में कालाधन के मामलों को देखने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने में पूर्ववर्ती सरकार की विफलता का विषय भी उठा. कुमार ने अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बांग्लादेश मुक्ति संग्राम से जुड़ा विजय दिवस है और उस समय विपक्ष ने इसका कोई सबूत नहीं मांगा था लेकिन आज सबूत मांगे (सेना के अभियान के बारे में) जा रहे हैं.

संसद का शीत सत्र हुआ बेकार
संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के बीच कोई कामकाज नहीं हो सका. एक माह के इस सत्र के समापन से एक दिन पहले गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे का ही वर्चस्व रहा. कोई कामकाज न हो सका. सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के सदस्य नोटबंदी, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे.

निचले सदन लोकसभा में विपक्ष नोटबंदी पर और सत्तापक्ष अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर चर्चा की मांग करता रहा. दोनों सदनों में लगातार हंगामे से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वह संसद से इस्तीफा दे दें, क्योंकि यह कभी खत्म न होने वाला 'नरक' बना हुआ है. उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सूचित कर दें कि उन्हें शुक्रवार को आठ नवंबर की नोटबंदी पर चर्चा सुनिश्चित करनी चाहिए. हालांकि यह बात आडवाणी ने संसद की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बाद कही.

ये भी पढ़ें....
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
मेरा मन कर रहा है इस्तीफा दे दूं, संसद हार गई तो बहुत बदनामी होगी : लालकृष्ण आडवाणी
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
पिछले 10 दिन में दो बार फूट चुका है लालकृष्ण आडवाणी का गुस्सा...
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
राहुल गांधी ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को आखिर क्यों कहा- 'शुक्रिया'
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
हंगामे से नाराज़ प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, संसद देखने आ रहे छात्रों को क्या दिखाऊं...?
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
विपक्षी दलों के बीच नोटबंदी ने राहुल गांधी को बनाया 'स्वीकार्य नेता'
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

राज्‍यसभा में भी जारी रहा हंगामा
राज्यसभा में भी ऐसा ही उग्र नजारा दिखा. हंगामे के कारण सबसे पहले सदन की कार्यवाही गुरुवार को दोपहर तक के लिए स्थगित की गई इसके बाद जब दोबारा शुरू हुई तो कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी. चार दिनों के अवकाश के बाद सदन की यह बैठक शुरू हुई थी. सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सभापति ने सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बोलने की मंजूरी दी, लेकिन सत्तापक्ष के सांसदों ने उन्हें बोलने नहीं दिया.

आजाद ने कहा, "यह सदन के संज्ञान में होना चाहिए कि सत्तारूढ़ पार्टी दोनों सदनों में कामकाज नहीं करने दे रही है. ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है." उप सभापति पी.जे. कुरियन ने विरोध कर रहे सांसदों से लगातार शांति बनाए रखने का आग्रह किया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि दोनों पक्ष सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न क्यों कर रहे हैं?" उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. कार्यवाही अपरान्ह 12.30 बजे शुरू होने के बाद सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल का संचालन करना चाहा, लेकिन विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी. कुछ सांसद उनके आसन के पास आ गए.

(इनपुट एजेंसी से...)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
संसद का शीत सत्र, शीत सत्र का आखिरी दिन, बीजेपी संसदीय दल की बैठक, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, Winter Session Of Parliament, Last Day Of The Winter Session, BJP Parliamentary Party Meeting, PM Narendra Modi, Amit Shah
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com