द्वारका फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 2010 में धौला कुआं इलाके में हुए अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए गए लोगों के खिलाफ सजा सुनाने के लिए शुक्रवार को 20 अक्टूबर की तिथि तय की।
न्यायालय ने मामले के पांचों आरोपियों को कॉल सेंटर की 30 वर्षीय कर्मचारी का दिल्ली में अपहरण करने और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के लिए 14 अक्टूबर को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने सजा तय करने के लिए हुई सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने दोषियों की आपराधिक पृष्ठभूमिक के मद्देनजर अधिकतम सजा देने की मांग की।
अभियोजन पक्ष ने पीड़िता को मुआवजा देने का निर्देश देने का भी न्यायालय से अनुरोध किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने सजा सुनाने के लिए 20 अक्टूबर की तारीख तय की।
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने दया का अनुरोध करते हुए कहा कि दोषी युवा हैं और सुनवाई के दौरान चार साल तक मानसिक पीड़ा झेल चुके हैं। शमशाद ऊर्फ खुटकम, उस्मान ऊर्फ काले, शाहिद ऊर्फ छोटा बिल्ली, इकबाल ऊर्फ बड़ा बिल्ली और कमरुद्दीन को इस मामले में दोषी ठहराया गया है।
पुलिस के अनुसार, 24 नवंबर, 2010 को पांच लोगों ने पूर्वोत्तर की युवती का उस वक्त अपहरण कर लिया था, जब वह अपने कार्यालय से एक दोस्त के साथ घर लौट रही थी। अपहरणकर्ता उसे मंगोलपुरी ले गए और सबने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद उसे सुनसान सड़क पर छोड़ दिया। इन सभी को बाद में हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार किया गया था।
घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र स्थित सभी कॉल सेंटरों को आदेश दिया था कि वे अपनी महिला कर्मचारियों को कार्य समाप्ति के बाद घर छोड़ने की व्यवस्था करें।
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