पनून कश्मीर ने पंडितों के लिए एक पृथक राज्य की स्थापना की मांग करते हुए घाटी में भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू करने की हिमायत की।
                                            
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                                                                                जम्मू: 
                                        पनून कश्मीर ने पंडितों के लिए एक पृथक राज्य की स्थापना की मांग करते हुए घाटी में भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू करने की हिमायत की।
पनून कश्मीर के अध्यक्ष अश्विनी कुमार चुरुंगु ने कहा कि सात लाख कश्मीरियों की भू..राजनीतिक आकांक्षाएं अलग राज्य की स्थापना कर ही पूरी की जा सकती है और साथ ही कश्मीर घाटी में भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू किया जाए। संगठन ने जम्मू में विस्थापित समुदाय के लिए घोषित पुनर्वास उपायों की समीक्षा के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया।
हाल में हुए गोवा सम्मेलन में पारित प्रस्तावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नरसंहार को खत्म करने और कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का सफाया रोकने के लिए भारत सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
इसने धारा 370 को खत्म करने की भी मांग की और मांग की कि जब तक कश्मीरी पंडितों को उनके राज्य में पूरी तरह व्यवस्थित नहीं कर दिया जाता है तब तक उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाए।
चुरुंगु के अनुसार प्रस्ताव में मांग की गई कि 1947 के जो शरणार्थी जम्मू..कश्मीर में रह रहे हैं उन्हें भारत के संविधान के तहत नागरिकता का पूरा अधिकार दिया जाए।
                                                                        
                                    
                                पनून कश्मीर के अध्यक्ष अश्विनी कुमार चुरुंगु ने कहा कि सात लाख कश्मीरियों की भू..राजनीतिक आकांक्षाएं अलग राज्य की स्थापना कर ही पूरी की जा सकती है और साथ ही कश्मीर घाटी में भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू किया जाए। संगठन ने जम्मू में विस्थापित समुदाय के लिए घोषित पुनर्वास उपायों की समीक्षा के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया।
हाल में हुए गोवा सम्मेलन में पारित प्रस्तावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नरसंहार को खत्म करने और कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का सफाया रोकने के लिए भारत सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
इसने धारा 370 को खत्म करने की भी मांग की और मांग की कि जब तक कश्मीरी पंडितों को उनके राज्य में पूरी तरह व्यवस्थित नहीं कर दिया जाता है तब तक उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाए।
चुरुंगु के अनुसार प्रस्ताव में मांग की गई कि 1947 के जो शरणार्थी जम्मू..कश्मीर में रह रहे हैं उन्हें भारत के संविधान के तहत नागरिकता का पूरा अधिकार दिया जाए।
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                                        Demand For Panun Kashmir, Kashmiri Pandits, Demand For Separate State, पनून कश्मीर की मांग, पंडितों के लिए पृथक राज्य