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This Article is From Jan 01, 2020

CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से अब दिल्ली पुलिस भी भरपाई की तैयारी में

उत्तर प्रदेश पुलिस की तर्ज पर अब दिल्ली पुलिस भी नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा, तोड़फोड़ और आगज़नी में सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई की कार्रवाई करने की तैयारी में है.

CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से अब दिल्ली पुलिस भी भरपाई की तैयारी में
दिल्ली पुलिस अब यूपी पुलिस की तर्ज पर जुर्माना लगाने की तैयारी में है
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
उत्तर प्रदेश पुलिस की राह पर दिल्ली पुलिस
सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से भरपाई
कोर्ट को दिल्ली पुलिस ने लिखा पत्र
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश पुलिस की तर्ज पर अब दिल्ली पुलिस भी नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा, तोड़फोड़ और आगज़नी में सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई की कार्रवाई करने की तैयारी में है. इसके लिए नुकसान पहुंचाने वालों से ही भरपाई की योजना है. इस सिलसिले में एक क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति के लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाइकोर्ट को एक पत्र लिखा है. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में 15 और 16 दिसम्बर को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, दर्जनों वाहनों को जला दिया गया, उनमें तोड़फोड़ हुई, सरकारी सम्पतियों के अलावा निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया, आम लोगों के साथ साथ कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. ऐसे में अब दिल्ली पुलिस भी यूपी पुलिस की तर्ज़ पर हिंसा करने वालों से संपत्ति के नुकसान की वसूली करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए हाइकोर्ट को पत्र लिखकर नुकसान का आकलन करने और वसूली करने के लिए क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति करने के लिए कहा है. 

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दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट को ये पत्र 28 दिसंबर को लिखा गया है. बता दें कि दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में तोड़फोड़ के आरोप में 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं. हिंसा के अलग अलग मामलों में अब तक करीब 64 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. जामिया नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दरियागंज, सीलमपुर और सीमापुरी में सरकारी और निजी संपत्ति में तोड़फोड़ की गई और आग लगाई गई थी. मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट या हाइकोर्ट एक क्लेम कमिश्नर नियुक्त करे जो हाईकोर्ट का कोई मौजूदा या रिटायर्ड या किसी जिला अदालत का जज हो. साथ ही यह भी कहा गया है कि वीडियो और तस्वीरों के अलावा दूसरे सबूतों के आधार पर यह भी पता लगाया जाए कि आखिर प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वाले कौन-कौन लोग थे. ये रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जाए और फिर कोर्ट आगे की कार्रवाई करे और  नुकसान की भरपाई आरोपियों से भी की जाये. माना जा रहा है कि अब इस मामले में हाईकोर्ट 6 जनवरी के बाद क्लेम कमिश्नर नियुक्त कर सकता है. 

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