दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस बात पर ‘हैरानी' जतायी कि जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय को उन छात्रों के अकादमिक ब्यौरों की कोई जानकारी नहीं है जिनके खिलाफ उसने अवमानना की याचिका दायर की है. विश्वविद्यालय का कहना है कि छात्रों ने प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन किया. न्यायमूर्ति ए. के. चावला ने विश्वविद्यालय से एक हलफनामा दायर करने को कहा है. इसमें उन छात्रों के पाठ्यक्रम, उसकी स्थिति और परिसर में उनके रहने की अवधि की जानकारी देने को कहा गया है जिनके खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की गई है. अदालत मामले पर सुनवाई अगले शुक्रवार को करेगी.
जेएनयू की ओर से अदालत में पेश हुई केन्द्र सरकार की स्थायी वकील मोनिका अरोड़ा ने विश्वविद्यालय के छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने का अनुरोध किया है क्योंकि उन्होंने प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में नहीं जाने के उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की. विश्वविद्यालय ने अपनी याचिका में दावा किया कि छात्रों ने प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन नहीं करने संबंधी 9 अगस्त, 2017 के अदालती आदेश का पूरी तरह उल्लंघन किया. उसमें दावा किया गया है कि पुलिस ने भी विश्वविद्यालय में कानून-व्यवस्था बनाए रखने से मना करके और कार्रवाई करने में असफल रह कर आदेश का उल्लंघन किया है.
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