सीएम के साथ सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: वर्तमान ‘नागरिक समयपाबंद सेवा अंतरण कानून’ को ‘आंखों में धूल झोंकने वाला’ बताते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने सोमवार को इसमें संशोधन के लिए नया विधेयक पेश किया जिसमें नागरिक संहिता में शामिल सेवाएं उपलब्ध कराने में देरी के लिए अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल है।
विधानसभा में विधेयक पेश करते हुए यहां सिसौदिया ने कहा कि पिछली सरकार ने वर्ष 2011 में समयपाबंद सेवा अंतरण अधिकार कानून पारित किया था लेकिन इससे नागरिकों को कोई फायदा नहीं हुआ।
सरकार का इरादा इस कानून में संशोधन के जरिये वर्तमान प्रणाली में बदलाव करने का है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नए संशोधन नागरिक सेवाओं को समयपाबंद तरीके से अधिकार के रूप में गरीबों तक पहुंचाएंगे।