मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के सर्दी के दस्तक देते ही दिल्ली की आबोहवा बिगड़ने लगती है. बीते दो तीन सालों से राजधानी दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील होता जा रहा है. दिल्ली में प्रदूषण को लेकर कई तरह की बातें सामने आती रहती हैं. कभी पंजाब-हरियाणा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है तो कभी दिल्ली में गाड़ियों की बहुतायत संख्या. हालांकि, गुरुवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रदुषण के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने इस दौरान कहा कि पिछले 2-3 सालों से दिल्ली गैस चेंबर बनती जा रही है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने काफी एफर्ट्स किये थे. दिल्ली की हवा थोड़ी बेहतर हुई है. लेकिन फिर से वही हालात बन रहे हैं. हरियाणा के सीएम से केजरीवाल मिले थे, पंजाब ने समय नही दिया था. हमने बहुत सारे लेटर लिखे लेकिन अफसोस है कि कुछ कदम नही उठाये गए.
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि केंद्र हाथ पर हाथ रखकर बैठी रही ये उनकी नाकामयाबी है. हरियाणा पंजाब सब्सिडी नहीं दे रही है. हम अपील करते हैं कि कोई कदम उठाए जाएं. दिल्ली के प्रदूषण पर पेट्रोल-डीजल की खपत का कितना योगदान है ये भी आरोप लगाने वाले बताएं.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने काफी एफर्ट्स किये थे. दिल्ली की हवा थोड़ी बेहतर हुई है. लेकिन फिर से वही हालात बन रहे हैं. हरियाणा के सीएम से केजरीवाल मिले थे, पंजाब ने समय नही दिया था. हमने बहुत सारे लेटर लिखे लेकिन अफसोस है कि कुछ कदम नही उठाये गए.
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि केंद्र हाथ पर हाथ रखकर बैठी रही ये उनकी नाकामयाबी है. हरियाणा पंजाब सब्सिडी नहीं दे रही है. हम अपील करते हैं कि कोई कदम उठाए जाएं. दिल्ली के प्रदूषण पर पेट्रोल-डीजल की खपत का कितना योगदान है ये भी आरोप लगाने वाले बताएं.
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