दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को को मंडोली जेल के अधिकारियों से पवन कुमार गुप्ता के आवेदन पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है. निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में फांसी की सजा पाए पवन ने पिछले वर्ष जेल में उससे कथित तौर पर मारपीट करने के लिए दो पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रयांक नायक ने जेल अधिकारियों से कहा कि सुनवाई की अगली तारीख आठ अप्रैल को एटीआर दायर करें. गुप्ता ने अपने वकील ए पी सिंह के माध्यम से हर्ष विहार थाने के एसएचओ को निर्देश देने की मांग की कि कांस्टेबल अनिल कुमार और दूसरे अज्ञात कांस्टेबल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए.
शिकायत में कहा गया है कि चूंकि पवन को 20 मार्च को फांसी होनी है, इसलिए जरूरी है कि दोनों पुलिसकर्मियों की पहचान के लिए उसे गवाह के तौर पर पेश होने की अनुमति दी जाए. आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया कि 26 जुलाई और 29 जुलाई 2019 को दो कांस्टेबल ने पवन की बुरी तरह पिटाई की. उस समय वह पूर्वी दिल्ली के मंडोली केंद्रीय कारागार में बंद था.
इसमें कहा गया है कि इसके बाद शाहदरा के गुरु तेगबहादुर सरकारी अस्पताल में उसका इलाज हुआ. उसने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. दिल्ली की एक अन्य अदालत पवन कुमार गुप्ता सहित मौत की सजा पाए चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए मौत का वारंट जारी कर चुकी है.
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