केजरीवाल ने किया 'अशांत पंजाब' का दौरा, पवित्र ग्रंथ के अपमान की निंदा की

केजरीवाल ने किया 'अशांत पंजाब' का दौरा, पवित्र ग्रंथ के अपमान की निंदा की

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पवित्र ग्रंथों के अपमान की कथित घटनाओं को पीड़ादायक बताते हुए आज कहा कि पंजाब में अशांति फैलाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया। उन्होंने राज्य में 'शांति बहाली' के लिए यहां पर स्वर्ण मंदिर में अरदास भी की। कोटकपुरा में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के बाद हिंसा भड़की थी, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी।

सीएम बनने के बाद केजरीवाल का पहला दौरा
फरवरी में मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार यहां आने वाले केजरीवाल ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है। ऐसा लगता है कि यह उन लोगों द्वारा जानबूझकर किया गया जो राज्य में शांति भंग करना चाहते हैं।' केजरीवाल यहां पवित्र ग्रंथ का अपमान किए जाने के विरोध में फरीदकोट में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गये दो सिखों के परिवार वालों से मुलाकात भी करेंगे।

पुलिस कार्रवाई की निंदा की
आप नेता ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि पवित्र ग्रंथ के अपमान संबंधी कृत्यों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों पर बलप्रयोग करना गलत था। केजरीवाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथों के अपमान की घटनाओं के पीछे वास्तविक दोषियों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को 'झूठे मामलों' में नहीं फंसाया जाना चाहिए।

आप के लिए सियासी मायनों में अहम सूबा है पंजाब
आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक दृष्टि से पंजाब काफी अहम सूबा है। साल 2014 के आम चुनावों में पार्टी ने यहां चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज़ की थी और उसकी तैयारी 2017 के विधानसभा चुनावों में इस प्रदर्शन में इजाफा करने की है।

गिरफ्तारियों पर उठ रहे सवाल
उधर, धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामले में पंजाब पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं मौजूदा हालात के लिए पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई को दोषी बताकर सरकार खुद फंसती नजर आ रही है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने एक अक्टूबर को ही सरकार को इस बारे में आगाह कर दिया था।

आरोपी दोनों भाइयों को पुलिस हिरासत में भेजा
मंगलवार को फरीदकोट में गुरु ग्रन्थ साहिब बेअदबी मामले में गिरफ्तार किए गए दो भाइयों को आज मजिस्ट्रेट ने 26 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। लेकिन उनके गांव बराड़ा में कोई भी पुलिस की यह बात मानने को तैयार नहीं कि दोनों पैसों के लिए ऐसा कर सकते हैं।  

सरकार आईएसआई को दोषी बता रही
पूरे मामले के लिए पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई को दोषी बताकर बादल सरकार खुद फंसती नजर आ रही है। एनडीटीवी को मिली जानकार के मुताबिक एक अक्टूबर को केंद्रीय खुफिया महकमे ने पंजाब पुलिस को राज्य में गड़बड़ी फैलाने की सीमा पार से हो रही कोशिशों को लेकर आगाह कर दिया था। इसके बावजूद सरकार ने प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने दिया और नौबत साम्प्रदायिक तनाव तक पहुंच गई।

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कांग्रेस ने सरकार को लिया आड़े हाथ
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि 'यह इंटेलिजेंस फेलियर है.. पहले दीनानगर और अब यह...पंजाब पुलिस लगातार फेल हुई है...इन्हें पंजाब की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है।' लेकिन बादल सरकार कह रही है कि वह जल्द ही विदेशी षड्यंत्र का फर्दाफाश करेगी। केंद्र सरकार में मंत्री और अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने दावा किया कि 'इसके पीछे विदेशी ताकतें काम कर रही हैं, पंजाब का माहौल ख़राब करने के लिए। हम जल्दी ही सारा खुलासा करेंगे।' (इनपुट एजेंसी से भी)