दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि कोर्ट और पुलिस के होते हुए हम दिल्ली में दूसरा 1984 नहीं देख सकते. कोर्ट ने कहा कि ये समय है कि लोगों का भरोसा कायम किया जाए. लोगों को मन से भय मिटाना चाहिए लोगों को ये भरोसा देना होगा कि वो पूरी तरह से सुरक्षित है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा कि जिन लोगों की दंगो में मौत हुई है उनके अंतिम संस्कार करने के लिए सेफ पैसेज मुहैया कराया जाए.
साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को पीड़ित परिवारों से मिलना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हमनें सुना कि IB के ऑफिसर पर भी हमला हुआ है, इसे तुरंत देखने की जरूरत है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या कोई हेल्पलाइन जारी की जा सकती है ताकि तत्काल प्रभाव से लोगों की समस्याओं का जल्द से जल्द निदान हो सके. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिया कि उनकी तरफ से हर संभव प्रयास किये जायेंगे.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार अस्थाई सेल्टर का निर्माण करे ताकि प्रभवित लोगों को साफ पानी, दवाई , खाना मुहैया कराया जा सके. पीड़ितों के लिए तत्काल सहायता के लिए हेल्पलाइन स्थापित करें. पीड़ितों के सुरक्षित मार्ग के लिए निजी एंबुलेंस उपलब्ध कराए जाएं. पुनर्वास के लिए आश्रयों के साथ-साथ कंबल, दवाइयां, भोजन और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं को स्थापित किया जाए.
साथ ही कोर्ट ने DLSA को कहा कि सभी दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिलवाने में मदद करें. साथ ही दंगा पीड़ित लोगों को संबंधित अधिकारियों से संपर्क के लिए मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराए जाए. 1091 जैसी कई हेल्पलाइन नंबर दिल्ली सरकार के है, लेकिन उनकी पब्लिसिटी आम लोगो में करने की जरूरत है.
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