रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि हमारी सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम हैं, किसी को भी इसके बारे में संदेह नहीं होना चाहिए. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में चीन को लेकर सरकार के नरम रवैये पर सवाल उठाया था. जिसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की एकता, सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सरकार चीन बॉर्डर के पास सड़क, रेलवे लाइन्स, सुरंगें और हवाई अड्डा विकसित कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच कोई लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल नहीं है इसलिए LAC की विभिन्न अवधारणाओं के कारण कई बार चीन के सैनिक हमारी तरफ आ जाते हैं और कई बार भारतीय सैनिक उधर चले जाते हैं.
राजनाथ सिंह ने लोक सभा में कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं सतर्क हैं और हमारी सीमाओं की रक्षा कर रही हैं. हमारी सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम हैं, किसी को भी इसके बारे में संदेह नहीं होना चाहिए.
Defence Minister Rajnath Singh in Lok Sabha: India is developing infrastructure like roads, tunnels, railway lines, and air fields on the China border to ensure the unity, security, & sovereignty of the country. https://t.co/h08BvwVn8l
— ANI (@ANI) December 4, 2019
भारतीय जलक्षेत्र में घुसा था चीनी पोत, हमने लौटने को किया मजबूर: नौसेना प्रमुख
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोक सभा में चीन को लेकर सवाल किया था और सरकार से पूछा था कि हम पाकिस्तान के प्रति आक्रामक और चीन के प्रति नरम क्यों हो जाते हैं. अधीर रंजन चौधरी ने सदन में कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह दी और चीन ने पाकिस्तान को पनाह दी. चीन ने अंडमान और निकोबार तक जहाज भेजने शुरू कर दिए हैं. जब यह पाकिस्तान की बात आती है, तो हम अपनी आवाज में एक आक्रामकता रखते हैं लेकिन हम चीन के प्रति नरम क्यों हैं?
बता दें, पिछले कुछ वर्षों में चीनी नौसैनिक पोतों द्वारा हिंद महासागर में जासूसी की घटनाएं बढ़ गई हैं लेकिन भारतीय नौसेना इस तरह की गतिविधियों पर प्रभावी नजर रख रही है. बंगाल क्षेत्र के नौसेना के प्रभारी अधिकारी कोमोडोर सुप्रभो डे ने मंगलवार को बताया कि हिंद महासागर में कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं जिससे नौसेना को क्षेत्र में चल रही गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है. इसमें बंगाल की खाड़ी भी शामिल है.
डे ने नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर कहा, ‘पी-81 समुद्री गश्ती विमान से हम हिंद महासागर में गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं.' भारत के पास वर्तमान में पी-81 लंबे रेंज के समुद्री गश्ती विमान हैं और नौसेना ने विमान के निर्माता बोइंग से चार और विमान के लिए ऑर्डर दिया है. भारतीय बेड़े में इजाफा ऐसे समय में किया जा रहा है जब चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है.
साथ ही डे ने बताया कि 2021 तक भारत के पास 198 पोत होंगे जिनमें से 131 पोत विभिन्न तरह के हैं. डे ने बताया कि नौसेना इलाके पर नजर रखती है और तस्करी तथा देश विरोधी गतिविधियों की निगरानी के लिए बीएसएफ, तटरक्षक बल और राज्य पुलिस के साथ समन्वय करती है.
VIDEO: हम लोग: क्या चीन को दिखने लगी भारत की अहमियत?
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