नई दिल्ली:
भाजपा ने बुधवार को सरकार से कहा कि भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ मामले से सरकार निर्भीक होकर निपटे और इसमें वह उसका पूरा साथ देगी।
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘चीनी घुसपैठ की घटना से पूरा देश चिंतित है। देश सरकार से जानना चाहता है कि वह इस मामले से कैसे निपट रही है। भाजपा चाहती है कि सरकार इस मामले से निर्भीकता से निपटे। इस मुद्दे पर हम सरकार के साथ होंगे।’’
यह कहते हुए कि इस मामले को केवल ‘फ्लैग मीटिंग’ के जरिये नहीं सुलझाया जा सकता है, भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘‘यह बहुत ही गंभीर मामला है। दो सप्ताह पहले चीन के 50 सशस्त्र सैनिक और दो हेलीकॉप्टर हमारी सीमा के 10 किलोमीटर अंदर तक घुस आए।’’
उन्होंने कहा कि चीन ने दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र हवाई पट्टी तक घुसपैठ की है और यह वह जगह है जहां से 1962 युद्ध के दौरान भारतीय विमान उड़ान भरा करते थे।
जावडेकर ने आरोप लगाया कि इस अति गंभीर मामले को जिस गंभीरता से निपटने की आवश्यकता है, सरकार वैसे नहीं निपट रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे को सीमा पर फ्लैग मीटिंग से नहीं सुलझाया जा सकता है। ऐसी दो मीटिंग हो चुकी हैं और दोनों असफल रही हैं। मामले से प्रधानमंत्री, विदेशमंत्री और रक्षामंत्री के स्तर से निपटने की जरूरत है।’’
इसे सामरिक महत्व का मुद्दा बताते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घुसपैठ से पहले की यथास्थिति बहाल हो।
चीन के इरादों को खतरनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है। इसके अलावा उसने गिलगिट में अवैध निर्माण किए हैं। वह पाकिस्तान, श्रीलंका, मारिशस, मालदीव और म्यंमार जैसे भारत के पड़ोसी देशों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘चीनी घुसपैठ की घटना से पूरा देश चिंतित है। देश सरकार से जानना चाहता है कि वह इस मामले से कैसे निपट रही है। भाजपा चाहती है कि सरकार इस मामले से निर्भीकता से निपटे। इस मुद्दे पर हम सरकार के साथ होंगे।’’
यह कहते हुए कि इस मामले को केवल ‘फ्लैग मीटिंग’ के जरिये नहीं सुलझाया जा सकता है, भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘‘यह बहुत ही गंभीर मामला है। दो सप्ताह पहले चीन के 50 सशस्त्र सैनिक और दो हेलीकॉप्टर हमारी सीमा के 10 किलोमीटर अंदर तक घुस आए।’’
उन्होंने कहा कि चीन ने दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र हवाई पट्टी तक घुसपैठ की है और यह वह जगह है जहां से 1962 युद्ध के दौरान भारतीय विमान उड़ान भरा करते थे।
जावडेकर ने आरोप लगाया कि इस अति गंभीर मामले को जिस गंभीरता से निपटने की आवश्यकता है, सरकार वैसे नहीं निपट रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे को सीमा पर फ्लैग मीटिंग से नहीं सुलझाया जा सकता है। ऐसी दो मीटिंग हो चुकी हैं और दोनों असफल रही हैं। मामले से प्रधानमंत्री, विदेशमंत्री और रक्षामंत्री के स्तर से निपटने की जरूरत है।’’
इसे सामरिक महत्व का मुद्दा बताते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घुसपैठ से पहले की यथास्थिति बहाल हो।
चीन के इरादों को खतरनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है। इसके अलावा उसने गिलगिट में अवैध निर्माण किए हैं। वह पाकिस्तान, श्रीलंका, मारिशस, मालदीव और म्यंमार जैसे भारत के पड़ोसी देशों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।
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