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This Article is From Apr 25, 2012

माओवादियों की समय सीमा खत्म, मध्यस्थ बातचीत को तैयार

मेनन को रिहा करने हेतु मांगों को पूरा करने के लिए माओवादियों द्वारा तय की गई पहली समय सीमा खत्म हो गई जबकि ऐसी खबरें हैं कि इस समयसीमा को शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि छत्तीसगढ़ सरकार और नक्सलियों के मध्यस्थों को बातचीत का एक मौका दिया जा सके।
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रायपुर/नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में अपहरण किए गए सुकमा के जिला कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन को रिहा करने हेतु मांगों को पूरा करने के लिए माओवादियों द्वारा तय की गई पहली समय सीमा खत्म हो गई जबकि ऐसी खबरें हैं कि इस समयसीमा को शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि छत्तीसगढ़ सरकार और नक्सलियों के मध्यस्थों को बातचीत का एक मौका दिया जा सके।

बंधक संकट आज पांचवे दिन में प्रवेश कर गया जबकि 32 वर्षीय जिलाधिकारी को अधिकारियों की तरफ से भेजी गई दवाएं उन्हें मिल गईं। जिलाधिकारी को सुरक्षित बताया गया है।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा है कि उसे ऊपरी तौर पर इस बात की जानकारी है कि मेनन को कहां रखा गया है लेकिन अपहरणकर्ताओं के लगातार स्थान बदलने के कारण ठीक-ठीक स्थान की जानकारी नहीं मिल पा रही है।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक ने कहा, ‘हमें एक इलाके के बारे में ऊपरी तौर पर जानकारी है जहां वह हो सकते हैं लेकिन ठीक-ठीक इसका पता नहीं लगाया जा सकता।’

इस बीच कलेक्टर की रिहाई के लिए राज्य सरकार के मध्यस्थों की शाम को राजधानी रायपुर में महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया गया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार की ओर से मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुयोज्ञ कुमार मिश्रा का नाम तय किया गया है।

अपनी मांगें मानने के लिए नक्सलियों द्वारा दी गई समय सीमा को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि दोनों ओर से बातचीत की प्रक्रिया शुरू हो रही है इसलिए अब समय सीमा तय करने का कोई औचित्य नहीं है।

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