TRAI प्रमुख आरएस शर्मा को मिला 2 साल का एक्सटेंशन.
नई दिल्ली:
सरकार ने दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के प्रमुख राम सेवक शर्मा (RS Sharma) का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया है. कार्मिक मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने ट्राई चेयरमैन के रूप में शर्मा की नियुक्ति को 10 अक्तूबर 2018 से आगे 30 सितंबर 2020 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. शर्मा को जुलाई 2015 में तीन वर्ष के लिए ट्राई प्रमुख बनाया गया था. शर्मा के वर्तमान कार्यकाल के दौरान कॉल समापन शुल्क और दूसरे का बाजार बिगाड़ने वाली कीमत नीति जैसे कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
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बता दें कि ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा हाल में तब विवादों में आ गए थे जब उन्होंने ट्विटर पर अपना आधार नंबर सार्वजनिक तौर पर जारी करते हुए खुली चुनौती दी थी कि क्या केवल आधार नंबर जानने से ही कोई उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है. इसके बाद ट्विटर इस्तेमाल करने वालों के बीच खुली जंग छिड़ गई थी और इनमें कईयों ने शर्मा की व्यक्तिगत जानकारी, पैन, मोबाइल नंबर, घर का पता इत्यादि बताना शुरू कर दिया था. हालांकि UIDAI ने क बयान जारी कर कहा था कि, 'ट्विटर पर जिस व्यक्ति, आरएस शर्मा की जानकारी को प्रकाशित किया जा रहा है वह आधार डाटाबेस से नहीं या फिर यूआईडीएआई के सर्वर से नहीं उठाई गई है.'
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इसके बाद टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई के चेयरमेन शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस में आर्टिकल लिखकर लंबी-चौड़ी सफाई पेश की थी. आरएस शर्मा ने अखबार में दावा किया, 'मैंने अपना आधार नंबर सार्वजनिक किया क्योंकि मैं ये साबित करना चाहता था कि आधार व्यवस्था सुरक्षित है और आधार नंबर के खुलासे से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा. हैकर्स ने वो जानकारी हासिल की जो बिना आधार नंबर जाने बगैर गूगल की मदद से हासिल की जा सकती है. मैंने जो चुनौती दी थी उसमें मैं अब तक हारा नहीं हूं.'
VIDEO : आधार नंबर सार्वजनिक करने से परहेज करें
ट्राई चेयरमेन की दलील है कि उनका आधार नंबर हैक नहीं हुआ, जबकि हैकर्स दावा कर रहे हैं कि को वो सेंध मारने में कामयाब रहे.
(इनपुट: भाषा)
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बता दें कि ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा हाल में तब विवादों में आ गए थे जब उन्होंने ट्विटर पर अपना आधार नंबर सार्वजनिक तौर पर जारी करते हुए खुली चुनौती दी थी कि क्या केवल आधार नंबर जानने से ही कोई उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है. इसके बाद ट्विटर इस्तेमाल करने वालों के बीच खुली जंग छिड़ गई थी और इनमें कईयों ने शर्मा की व्यक्तिगत जानकारी, पैन, मोबाइल नंबर, घर का पता इत्यादि बताना शुरू कर दिया था. हालांकि UIDAI ने क बयान जारी कर कहा था कि, 'ट्विटर पर जिस व्यक्ति, आरएस शर्मा की जानकारी को प्रकाशित किया जा रहा है वह आधार डाटाबेस से नहीं या फिर यूआईडीएआई के सर्वर से नहीं उठाई गई है.'
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इसके बाद टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई के चेयरमेन शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस में आर्टिकल लिखकर लंबी-चौड़ी सफाई पेश की थी. आरएस शर्मा ने अखबार में दावा किया, 'मैंने अपना आधार नंबर सार्वजनिक किया क्योंकि मैं ये साबित करना चाहता था कि आधार व्यवस्था सुरक्षित है और आधार नंबर के खुलासे से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा. हैकर्स ने वो जानकारी हासिल की जो बिना आधार नंबर जाने बगैर गूगल की मदद से हासिल की जा सकती है. मैंने जो चुनौती दी थी उसमें मैं अब तक हारा नहीं हूं.'
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ट्राई चेयरमेन की दलील है कि उनका आधार नंबर हैक नहीं हुआ, जबकि हैकर्स दावा कर रहे हैं कि को वो सेंध मारने में कामयाब रहे.
(इनपुट: भाषा)
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