चंडीगढ़ में मेयर को हराने वाले AAP उम्‍मीदवार ने कहा: भ्रष्ट सिस्टम को बदलना है तो सिस्टम में उतरना पड़ेगा

NDTV के साथ बातचीत करते हुए दमनप्रीत सिंह ने कहा, "मुझे मेरे वार्ड पर पूरा भरोसा था कि सब मेरा साथ देंगे और मुझ पर विश्वास जताएंगे. जो उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया है, मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा हूं."

चंडीगढ़:

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ी कामयाबी मिली है. पहली बार चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने 35 में से 14 सीटें जीती हैं. मेयर, पूर्व मेयर और बड़े नेताओं को हार मिली है कहीं एक ढाबा मालिक से, कहीं टीचर के हाथों और कहीं एक गृहणी से. तरूण मेहता आप के उम्मीदवार ने बीजेपी के काउंसिलर सुनीता धवन को हराया. प्रेम लता जिनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है उन्होंने कांग्रेस की सिटिंग काउंसिलर रवि गुजराल को हराया और जॉयंट किलर रहे दमनप्रीत सिंह. सरादार जी का ढाबा के मालिक दमनप्रीत सिंह ने बीजेपी के मेयर को पटखनी दी है. NDTV के साथ बातचीत करते हुए दमनप्रीत सिंह ने कहा, "मुझे मेरे वार्ड पर पूरा भरोसा था कि सब मेरा साथ देंगे और मुझ पर विश्वास जताएंगे. जो उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया है, मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा हूं."

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जब उनसे पूछा गया कि ढाबे से वे राजनीति की तरफ कैसे मुड़े तो उन्होंने बताया, "जब किसान आंदोलन चल रहा था चंडीगढ़ में और जगह जगह किसान धरने पर बैठे थे, तो मेरे ढाबे से उन किसानों के लिए लंगर जाया करता था. उनके साथ जुड़ने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरी भी जिम्मेदारी है कि मैं भी उनके लिए कुछ करूं. हम उस समय भाजपा की जहां भी रैली होती वहां उन्हें काले झंडे दिखाने पहुंचते. उस समय के बाद से ही मेयर रविकांत शर्मा मुझ से चिढ़ गए और उन्होंने मुझे निशाना बनाया, जिसके चलते एक महीने में मेरे ढाबे के 45000 रुपए के चालान हुए. उस दिन मुझे यह समझ आ गया कि यह भ्रष्टाचार का सिस्टम है और धरना लगाकर हम इसे जीत तो सकते हैं, लेकिन अगर भ्रष्टाचार खत्म करना है तो हमें सिस्टम में उतरना ही पड़ेगा."

उन्होंने आगे कहा, "हम जब दिल्ली बॉर्डर पर भगत सिंह के नाम पर नारे लगाते थे, 'भगत सिंह तेरी सोच पे पहरा देंगे ठोक के', तब मुझे एक बात समझ आई कि अकेले पहरा देने से कुछ नहीं होता, भगत सिंह बनना पड़ता है, फांसी पर चढ़ना पड़ता है."

दमनप्रीत ने बताया कि चुनाव लड़ने की प्रेरणा उन्हें किसान आंदोलन से ही मिली. इस आंदोलन ने चंडीगढ़ के लोगों को जागरुक किया है. उन्होंने कहा, "आज चंडीगढ़ का यूथ सरकार से सवाल करता है. अगर यूथ सवाल न करे तो भ्रष्टाचार का यह सिस्टम ऐसे ही चलता रहेगा." 

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दमनप्रीत ने कहा, "मुझे राजनीति करनी नहीं आती, केवल काम करने आते हैं और मैं केवल काम करने ही आया हूं." उन्होंने बताया कि ढाबे ने ही उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचाया है, इसलिए राजनीति में आने के बाद वे अपना फेमस ढाबा बंद नहीं करेंगे. 

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दमनप्रीत से जब पूछा गया कि अगर पार्टी उन्हें मेयर बनने का मौका देती है तो वे चंडीगढ़ में सबसे पहले क्या बदलाव लाना चाहेंगे, इस पर उन्होंने कहा, "चंडीगढ़ में हर परिवार को 20000 लीटर पानी देने की स्कीम पर केजरीवाल पहले ही मुहर लगा चुके हैं, इसके अलावा सफाई, हैल्थ सिस्टम और एजुकेशन सिस्टम पर काम करेंगे. सरकारी अस्पतालों की हालत सुधारेंगें. केजरीवाल का दिल्ली रोल मॉडल चंडीगढ़ में लागू करेंगे."