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This Article is From Dec 16, 2015

यूपी में अब किसी को भी जमीन बेच सकेंगे दलित, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी

यूपी में अब किसी को भी जमीन बेच सकेंगे दलित, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी
प्रतीकात्मक तस्वीर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के दलित अब अपनी भूमि गैर-दलितों को बेच सकेंगे। राज्यपाल राम नाईक ने उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जो ब्रिटिशकाल से पहले के राजस्व कानून को संशोधित करने के मकसद से लाया गया है।

राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश 2015 को मंजूरी दे दी। ये संशोधन दलितों को अपनी भूमि गैर दलितों को बेचने का अधिकार देता है। भले ही उनके पास साढ़े तीन एकड़ से भी कम भूमि क्यों ना हो। पहले ऐसी सूरत में जिलाधिकारी से इजाजत की जरूरत पड़ती थी।

बसपा ने इस अध्यादेश की आलोचना की है। इसने सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर आरोप मढ़ा कि वह गरीब दलितों को लूट रही है। उनके पास जो भी भूमि बची है, उसे बिकवा रही है। सपा हालांकि इसे 'मील का पत्थर' करार दे रही है, क्योंकि उसका मानना है कि इस अध्यादेश से ऐसे दलितों को फायदा होगा, जो किसी संकटवश जमीन बेचने पर मजबूर हो जाते हैं। राज्य सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में संभवत: संशोधन विधेयक पेश करेगी।

यूपी में विधानसभा चुनाव 2017 में हैं। ऐसे में बसपा इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। बसपा नेताओं ने संशोधन को
'दलितों को कमजोर करने की साजिश' बताया है। बसपा नेताओं का आरोप है कि अध्यादेश अपर महाधिवक्ता आरबी यादव की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय समिति की रिपोर्ट का नतीजा है। कोई जमीनी सर्वे नहीं कराया गया है।

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