गुवाहाटी में दलाई लामा ने अपने आने वाले 81वें जन्मदिन के केक का आनंद लिया
गुवाहाटी:
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने रविवार को मजाकिया लहज़े में कहा कि वह अपनी 'खूबसूरत त्वचा' के राज़ को राज़ ही रखना चाहते हैं. गुवाहाटी में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा 'लोग मुझसे कहते हैं कि 80 से ऊपर का होने के बाद भी मैं 70 का कैसे लगता हूं, इसका राज़ क्या है. मैं कहता हूं यह तो मेरा राज़ है और यह मैं आपको कैसे बता सकता हूं.' दलाई लामा की कही इस बात से दर्शक-दीर्घा में बैठे लोग जोर से हंस पड़े.
गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के खचाखच भरे सभागार में दलाई लामा ने आगे कहा 'लेकिन सबसे जरूरी है मानसिक शांति. आंतरिक खूबसूरती, बाहरी सौंदर्यता से ज्यादा जरूरी है.' वह यहां 'आधुनिक समय में प्राचीन भारतीय ज्ञान' पर लेक्चर दे रहे थे जब महिला प्रस्तुतकर्ता ने सभागार में बैठी सभी महिलाओं की तरफ से दलाई लामा की खूबसूरत त्वचा के पीछे का राज़ जानना चाहा.
जुलाई में 81 साल के होने वाले दलाई लामा ने कहा कि महिलाओं को सामाजिक जीवन में और सक्रिय रोल निभाना होगा. उन्होंने कहा 'मानवीय संवेदना में महिलाओं का और सक्रिय रोल निभाना चाहिए. मेरी पहली शिक्षक मेरी मां थीं. महिलाएं जैविक तौर पर ज्यादा मजबूत होती हैं.'
इस मौके पर दलाई लामा ने कहा कि 'पिछले कुछ साल से मैंने खुद को भारत का बेटा कहना शुरू कर दिया है. कुछ साल पहले चीनी मीडिया के कुछ लोगों ने मुझसे आकर पूछा कि मैंने ऐसा क्यों कहा. मैंने उनसे कहा कि मेरे मस्तिष्क का हर हिस्सा नालंदा के विचारों से भरा है.' उन्होंने कहा ‘शारीरिक रूप से पिछले 50 साल से अधिक समय से मेरा शरीर भारत की दाल और चपाती पर चल रहा है. इसलिए मैं शारीरिक और मानसिक रूप से भारतीय हूं.’
धर्मनिरपेक्षता की बात करते हुए दलाई लामा ने कहा ‘मैं पूरी तरह सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. समझने की बात है कि कुछ शरारती तत्व समस्या खड़ी करते हैं.' उन्होंने कहा कि सभी मतभेदों और समस्याओं को खत्म करने का एकमात्र तरीका है कि हम यह सोचने लगें कि हम सभी मनुष्य हैं.
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, असम और अरुणाचल प्रदेश के दो हफ्ते को दौरे पर हैं. चार अप्रैल को वह अरुणाचल प्रदेश की यात्रा शुरू करेंगे, हालांकि चीन ने बार बार बयान जारी करते हुए भारत को चेताया है कि दलाई लामा को इस यात्रा की अनुमति देने के देश को कड़े परिणाम भुगतने होंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के खचाखच भरे सभागार में दलाई लामा ने आगे कहा 'लेकिन सबसे जरूरी है मानसिक शांति. आंतरिक खूबसूरती, बाहरी सौंदर्यता से ज्यादा जरूरी है.' वह यहां 'आधुनिक समय में प्राचीन भारतीय ज्ञान' पर लेक्चर दे रहे थे जब महिला प्रस्तुतकर्ता ने सभागार में बैठी सभी महिलाओं की तरफ से दलाई लामा की खूबसूरत त्वचा के पीछे का राज़ जानना चाहा.
जुलाई में 81 साल के होने वाले दलाई लामा ने कहा कि महिलाओं को सामाजिक जीवन में और सक्रिय रोल निभाना होगा. उन्होंने कहा 'मानवीय संवेदना में महिलाओं का और सक्रिय रोल निभाना चाहिए. मेरी पहली शिक्षक मेरी मां थीं. महिलाएं जैविक तौर पर ज्यादा मजबूत होती हैं.'
इस मौके पर दलाई लामा ने कहा कि 'पिछले कुछ साल से मैंने खुद को भारत का बेटा कहना शुरू कर दिया है. कुछ साल पहले चीनी मीडिया के कुछ लोगों ने मुझसे आकर पूछा कि मैंने ऐसा क्यों कहा. मैंने उनसे कहा कि मेरे मस्तिष्क का हर हिस्सा नालंदा के विचारों से भरा है.' उन्होंने कहा ‘शारीरिक रूप से पिछले 50 साल से अधिक समय से मेरा शरीर भारत की दाल और चपाती पर चल रहा है. इसलिए मैं शारीरिक और मानसिक रूप से भारतीय हूं.’
धर्मनिरपेक्षता की बात करते हुए दलाई लामा ने कहा ‘मैं पूरी तरह सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. समझने की बात है कि कुछ शरारती तत्व समस्या खड़ी करते हैं.' उन्होंने कहा कि सभी मतभेदों और समस्याओं को खत्म करने का एकमात्र तरीका है कि हम यह सोचने लगें कि हम सभी मनुष्य हैं.
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, असम और अरुणाचल प्रदेश के दो हफ्ते को दौरे पर हैं. चार अप्रैल को वह अरुणाचल प्रदेश की यात्रा शुरू करेंगे, हालांकि चीन ने बार बार बयान जारी करते हुए भारत को चेताया है कि दलाई लामा को इस यात्रा की अनुमति देने के देश को कड़े परिणाम भुगतने होंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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