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This Article is From Oct 03, 2015

केजरीवाल ने कहा- दादरी में जो कुछ हुआ उसका फायदा केवल पार्टियों और नेताओं को मिला

केजरीवाल ने कहा- दादरी में जो कुछ हुआ उसका फायदा केवल पार्टियों और नेताओं को मिला
दादरी: गोमांस खाने की अफवाह में मारे गए अखलाक के परिवार से मिलने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को दादरी के बिसहड़ा गांव पहुंचे। प्रशासन ने पहले उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया था, लेकिन बाद में जाने की अनुमति दे दी। इसके बाद केजरीवाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनसे बातचीत की। इससे पहले घटना की कवरेज के लिए पहुंचे मीडियाकर्मियों को स्थानीय लोगों का विरोध झेलना पड़ा। मीडियाकर्मियों की गांववालों से झड़प भी हुई। गौरतलब है कि बकरीद के दो दिन बाद गोमांस खाने की अफ़वाह पर कुछ लोगों ने स्थानीय निवासी मोहम्मद अखलाक को पीट-पीट कर मार डाला था।

पार्टियों-नेताओं पर साधा निशाना
पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'इस गांव में सांप्रदायिक तनाव इससे पहले कभी भी नहीं हुआ है। एक तरफ अखलाक के परिवार ने अखलाक को खो दिया और दूसरी ओर महिलाओं ने बताया कि जांच के लिए पुलिस ने उनके बच्चों को ले गई। तो इसका लाभ किसे हुआ? जाहिर है केवल पार्टियों और नेताओं को।' 

उन्होंने आगे कहा, "एक पार्टी मुस्लिमों को अपना वोट बैंक बनाना चाहती है, तो दूसरी पार्टी हिंदुओं को अपना वोट बैंक बनाना चाहती है। यदि कोई पार्टी यह कहती है कि मुस्लिमों पर हमला करो, क्योंकि हिंदुत्व खतरे में है, तो उसके लोग किसी भी सूरत में हिंदू नहीं हो सकते।'

NDTV की टीम पर हमला
इस बीच स्थानीय लोगों ने NDTV की टीम पर हमला कर दिया, जिसमें NDTV के कैमरामैन को चोट आई। इसके साथ ही NDTV की गाड़ी और कैमरे में भी तोड़-फोड़ की गई। कई अन्य मीडियाकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। दरअसल स्थानीय लोग गांव में मीडिया को जाने से रोक रहे हैं। उनका कहना है कि मीडिया की वजह से उन्हें परेशानी हो रही है। मीडियाकर्मी वहां अख़लाक़ की हत्या की घटना का कवरेज़ करने पहुंचे थे।

गांव जाने से रोका था
केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, आशुतोष, कुमार विश्वास को प्रशासन ने गांव के बाहर ही रोक दिया था और सभी नेताओं को एनटीपीसी गेस्ट हाउस ले गई थी। आप नेताओं ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने जान बूझकर उन्हें गांव में जाने से रोका।

रोकने पर केजरीवाल ने उठाया था सवाल
प्रशासन और पुलिस द्वारा रोके जाने की जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके सवाल उठाया था कि जब महेश शर्मा, ओवैसी को मिलने से नहीं रोका गया, तो फिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे तो सबसे शांतिप्रिय व्यक्ति हैं और केवल अखलाक के परिवार से मिलना चाहते हैं।
पूछताछ से परेशान परिवार
इससे पहले शुक्रवार को भी गांव में नेताओं का तांता लगा रहा था। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा भी शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि यह घटना सुनियोजित नहीं थी। यह एक हादसा था। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। घटना के लिए सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे। इस बीच लगातार पूछताछ से पीड़ित परिवार भी परेशान हो चुका है और अब सुर्खियों से दूर रहना चाहता है। मीडिया की तमाम ओबी वैन्स के बीच नेताओं की बड़ी गाड़ियों का काफिला शुक्रवार को बिसहड़ा पहुंचता रहा और वे घटना की जिम्मेदारी का ठीकरा एक-दूसरे के सिर फोड़ते रहे।  

मुख्यमंत्री ने साधा पीएम पर निशाना
इससे पहले उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि ‘गुलाबी क्रांति’ के खिलाफ बात करने वालों को गोमांस के निर्यात पर अब प्रतिबंध लगाना चाहिए, क्योंकि अब वे सत्ता में हैं। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि इस प्रकार के मुद्दे उठाकर वे देश के ‘धर्मनिरपेक्ष’ चरित्र को बाधित करना चाहते हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली के पास यूपी में दादरी बिलाहदा गांव में भीड़ ने एक वायुसेना कर्मी के 50 वर्षीय पिता की पीट-पीटकर इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि यह अफवाह उड़ी थी कि उसने और उसके परिवार ने गोमांस खाया और घर में रखा था।

लोगों ने ईंटों से मारा
यह घटना दिल्‍ली से सटे उत्‍तरप्रदेश के दादरी में हुई, जहां मोहम्‍मद अखलाक और उसके बेटे को गांववाले घर से बाहर घसीटकर लाए और उन्‍हें ईंटों से जमकर पीटा। इस घटना में अखलाक की मौत हो गई, जबकि उसका बेटा गंभीर हालत में अस्‍पताल में भर्ती हैं। जब पुलिस घटनास्‍थल पर पहुंची, तब भी भीड़ उन दोनों को पीट रही थी।

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