चक्रवाती तूफान अम्फान (Cyclone Amphan) ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में दस्तक दी. अम्फान (Amphan) ने राज्य में भारी तबाही मचाई. चक्रवात की चपेट में आने से राज्य में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. एक शख्स की जान हावड़ा में चली गई, वहीं, दूसरे की मौत नॉर्थ 24 परगना में हुई. इसके साथ-साथ हजार से अधिक पेड़ उखड़ गए और 100 से ज्यादा इमारतों को नुकसान पहुंचा है. कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रही. जबकि दमदम में शाम 7 बजकर 20 मिनट पर हवा की रफ्तार 133 किमी प्रति घंटे रिकॉर्ड की गई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि चक्रवात अम्फान (Cyclone Amphan) का प्रभाव कोरोनावायरस से भी बदतर है. उन्होंने अम्फान तूफान से करीब 1 लाख करोड़ रुपये तक के नुकसान की आशंका जताई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हताहतों की संख्या 12 तक भी जा सकती है.
Heavy rain lashes Kolkata as #CycloneAmphan crosses the city pic.twitter.com/2yb52KJXfG
— NDTV (@ndtv) May 20, 2020
चक्रवात दोपहर में करीब ढाई बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा. चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई. चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ. अधिकारियों के अनुसार चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम से कम 6.58 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था.
West Bengal: Streets in Kolkata waterlogged, trees uprooted and houses damaged due to strong winds and heavy rain as #Amphan crossed West Bengal-Bangladesh coast between Digha (West Bengal) and Hatiya Islands (Bangladesh) across Sunderbans, between 1530 and 1730 hrs today. pic.twitter.com/obYlwiW9TO
— ANI (@ANI) May 20, 2020
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि चक्रवात अम्फान से संबंधित स्थिति तेजी से बदल रही है और उसपर करीब से निगाह रखी जा रही है. चक्रवात ने तट से टकराना शुरू कर दिया है. प्रधान ने कहा कि ओडिशा में मौजूद सभी 20 टीमों को तैनात कर दिया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल में 19 टीमों को तैनात किया गया है और दो को आरक्षित रखा गया है. प्रधान ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एक टीम को कोलकाता में तैनात किया गया है. प्रधान ने कहा कि 24 टीमें विमान से जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, "स्थिति तेजी से बदल रही है. अभी तथा चक्रवात के बाद हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक होगी. यह एक लंबी प्रक्रिया है."
#WATCH West Bengal: Rooftop of a school in Howrah was blown away by strong winds earlier today. #CycloneAmphan pic.twitter.com/nJY0KhAC3Z
— ANI (@ANI) May 20, 2020
चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से बुधवार सुबह पश्चिम बंगाल के दीघा में भारी बारिश और तेज हवाओं का कहर देखने को मिला. अभी मिली जानकारी के अनुसार तूफान ओडिशा के पारादीप को पार कर चुका है और बंगाल के दीघा की ओर चल पड़ा है और कुछ घंटे में पहुंचने वाला है. तूफान पारादीप 44 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरा लेकिन दीघा और बंगाल की ओर जाते ही इसकी रफ्तार 200 तक पहुंच सकती है. वहीं, मौसम विभाग के महानिदेशक एम मोहपात्रा ने बताया कि अम्फान ओडिशा के पारादीप से 110 किलोमीटर पूर्व की दिशा में केंद्रीत है. यह उत्तर पूर्व दिशा में गति कर रहा है. यह दोपहर से शाम के बीच लैंड फॉल (भूस्खलन) करेगा. यह काफी तबाही मचाने वाला हो सकता है.
मोहपात्रा ने बताया, "चक्रवाती तूफान अम्फान से पश्चिम बंगाल के 24 परगना और ईस्ट मिदनापुर में ज़्यादा असर होगा. कल सुबह यह बांग्लादेश पहुंचेगा. तब तक इसका विंड इमपैट खत्म हो जाएगा पर रेन फॉल इम्पैक्ट रहेगा. इसकी वजह से पश्चिम बंगाल और असम में कल भारी बारिश होगी. आज पश्चिम बंगाल में सबसे ज़्यादा बारिश होगी. इस तूफान में हवा की गति फोनी तूफान की रफ्तार के आसपास है. समुद्र के अंदर 1999 के बाद सुपर साइक्लोन यही है. 4-5 मीटर ऊंची लहरें देखने को मिल सकती है."
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘अम्फान' ने बुधवार को दोपहर ढाई बजे के करीब पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच दस्तक दी. तेज बारिश और तूफानी हवाओं के साथ अगले चार घंटे में यह चक्रवात और भीषण हो जाएगा. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात के आगमन के समय इसकी रफ्तार 160-170 किलोमीटर प्रति घंटा थी. आगे इसकी रफ्तार 190 किलोमीटर प्रति घंटा पहुंचने की आशंका है. सुबह से ही पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी क्षेत्र के कई जिलों में भारी बारिश हुई है और तूफानी हवाएं चल रही है. समय के साथ इसकी गति और बढ़ती जा रही है.
मौसम विभाग ने बताया कि दिन में तीन बजकर पांच मिनट पर दमदम हवाई अड्डे पर हवा की रफ्तार 76 किलोमीटर प्रति घंटा थी. आगमन के बाद इसके उत्तर-पूर्वोत्तर हिस्से में बढ़ने का अनुमान है . पूर्वी हिस्से में यह कोलकाता के करीब से गुजरेगा. इससे निचले इलाके में पानी भरने और भारी क्षति की आशंका है.
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