नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट से तरह-तरह के सवाल झेल रही सरकार ने पहली बार माना है कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त यानी सीवीसी पीजे थामस की नियुक्ति पर हुई बैठक में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विपक्ष की नेता ने सभी तथ्यों पर बात की थी। गृहमंत्री पी चिदंबरम ने माना कि सीवीसी की नियुक्ति के समय पीजे थॉमस पर चल रहे पामोलीन केस का मुद्दा उठा था। फिर भी सरकार ने पीजे थॉमस को ही चुना। इससे दो सवाल उठते हैं... पहला यह कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने क्यों कहा कि उसे इस मामले की जानकारी नहीं थी और अगर सरकार को मालूम था तो उसने ये गलती क्यों की। दूसरा, क्या इससे दूसरे भ्रष्ट अफ़सरों की नियुक्ति का रास्ता नहीं खुलता। बहरहाल इस बयान से साफ है कि प्रधानमंत्री भी थॉमस की नियुक्ति से पल्ला झाड़ नहीं सकते। दूसरी ओर, थामस ने इस्तीफा देने से इनकार कर सरकार की मुश्किल और बढ़ा दी है। ये साफ है कि मामले में अब सरकार पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट पर ही आश्रित है और वहीं से आखिरी फैसला आएगा।