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This Article is From May 08, 2020

CSIR ने भारतीयों में पाए गए कोरोना वायरस के 53 जीनोम अनुक्रम वैश्विक संस्था को सौंपे

जीनोम अनुक्रमण उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसकी सहायता से किसी विशेष जीव की पूरी डीएनए श्रृंखला का पता लगाया जाता है

CSIR ने भारतीयों में पाए गए कोरोना वायरस के 53 जीनोम अनुक्रम वैश्विक संस्था को सौंपे
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

Coronavirus: कोरोना वायरस के जीनोम में बदलाव और इसके अधिक घातक होने की चिंताओं के बीच भारत के अग्रणी अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद) ने भारतीयों में पाए गए कोरोना वायरस के 53 जीनोम अनुक्रम को इससे संबंधित विवरण का संकलन करने वाली वैश्विक संस्था जीआईएसएआईडी को सौंपा है.

परिषद के महानिदेशक शेखर मांडे ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सीएसआईआर 15 मई तक कोरोना वायरस के 450 अतिरिक्त जीनोम अनुक्रम सौंपने की तैयारी में है. उन्होंने बताया कि सीएसआईआर का दिल्ली स्थित जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान (आईजीआईबी), हैदराबाद का कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) और चंडीगढ़ का सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएमटेक) कोरोना वायरस के जीनोम अनुक्रमण का कार्य कर रहे हैं.

मांडे ने कहा कि सीएसआईआर के अन्य संस्थान भी इस कार्य से जुड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, ''अब तक हम ग्लोबल इनीशिएटिव ऑन शेयरिंग आल इन्फल्यूएंजा डाटा (जीआईएसएआईडी) को 53 जीनोम अनुक्रम सौंप चुके हैं. हमारा इरादा 15 मई तक 450 अतिरिक्त जीनोम अनुक्रम सौंपने का है.''

सौंपे गए सभी 53 जीनोम का अनुक्रमण आईजीआईबी के वैज्ञानिकों ने किया है. जीनोम अनुक्रमण उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसकी सहायता से किसी विशेष जीव की पूरी डीएनए श्रृंखला का पता लगाया जाता है. इससे उसके पनपने और विकास के अनुक्रम को समझने में मदद मिलती है.

आईजीआईबी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के मामले में, अनुक्रमण से वायरस की उत्पत्ति को समझने में सहायता मिलेगी. उन्होंने बताया कि उदाहरण के तौर पर अगर एक वायरस किसी खास स्थान में उभरता है और अगर बाद में वह वायरस देश के किसी अन्य हिस्से अथवा विश्व में कहीं भी पाया जाता है तो अनुक्रमण के जरिए उसकी उत्पत्ति के बारे में पता लगाने में आसानी होगी. इतना ही नहीं इससे टीका और दवाई विकसित करने में भी काफी सहायता मिलेगी.

इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका स्थित एक विज्ञान प्रयोगशाला ने संकेत दिया था कि कोरोना वायरस के स्वरूप में बदलाव देखा गया है, जोकि कोविड-19 महामारी के शुरुआती दौर के मुकाबले अधिक घातक साबित हो रहा है.

भारत के संदर्भ में मांडे ने कहा कि जीआईएसएआईडी को सौंपे गए जीनोम अनुक्रम भारतीयों में पाए गए कोरोना वायरस से संबंधित हैं. जीआईएसएआईडी के मुताबिक, अब तक दुनियाभर के संस्थानों से उसे कोरोना वायरस के करीब 16,000 से अधिक जीनोम अनुक्रम सौंपे जा चुके हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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