लॉकडाउन तोड़े जाने को लेकर कर्नाटक के बेलगावी थाने में बंद सीआरपीएफ कोबरा कमांडो को जमानत मिल गई है. गौरतलब है कि सीआरपीएफ का कोबरा कमांडो सचिन सुनील सावंत 23 अप्रैल को अपने घर के बाहर बाइक धो रहा था. उसी वक़्त स्थानीय पुलिस के साथ मॉस्क पहनने को लेकर सचिन की झड़प हो गई. आरोप है कि पुलिस को बताने पर भी वो कमांडो है उसको बुरी तरह से पीटा गया. कपड़े फाड़ दिए गए. हथकड़ी तक पहनाई गई. सड़क पर नंगे घुमाया गया और फिर जेल में डाल दिया गया. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि उसने पहले एक कॉन्स्टेबल का कॉलर पकड़ लिया. उसको मारा है. लिहाजा उसके ऊपर आईपीसी की धारा 353 ( हमला करने या फिर बल से कर्तव्य को रोकने का प्रयास ), 504 और 505 ( जानबूझकर शांति भंग करना ) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसको लेकर सीआरपीएफ के एडीजी ने कर्नाटक पुलिस को चिट्ठी भी लिखी है. सावंत की मदद के लिये सीआरपीएफ ने एक टीम भी बेलगावी भेजी है.
#लॉकडाउन को लेकर #कर्नाटक पुलिस की #सीआरपीएफ के #कोबरा #कमांडो पर #बर्बरता । केवल #पीटा ही नही #हथकड़ी भी #पहनाई ।#पुलिस की इस हरकत से #जवानों में #जबरदस्त #गुस्सा । @crpfindia @DgpKarnataka #kobra #CRPF pic.twitter.com/ZVaMzTa9nW
— Rajeev Ranjan (@Rajeevranjantv) April 27, 2020
सीआरपीएफ का कहना था कि उसकी पहली प्राथमिकता अपने जवान को बेल दिलाने की है फिर उसके बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात करेंगे. सोशल मीडिया में हाथ में हथकड़ी बांधे पुलिस स्टेशन पर सीआरपीएफ के कमांडो जवान की एक तस्वीर वायरल हो गई है इससे जवानों में काफी गुस्सा फैल गया है. उनका कहना है कि जब पुलिस को पता चल गया कि कि वो कमांडो है तो फिर उसे खूंखार अपराधियों की तरह हथकड़ी क्यों पहनाई गई? साथ ही ऐसे मामले में तुरंत संबधित विभाग को खबर करनी होती है यहां भी पुलिस ने एक दिन सीआरपीएफ को खबर की. महज दो तीन घंटे के भीतर तो जवान को जेल के अंदर डाल दिया गया.
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