Covid Health Insurance plan :कोरोना से भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. अभी भी हर दिन 60-65 मरीज मिल रहे हैं, लिहाजा कोरोना के खतरे और इलाज के भारी खर्च को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहे हैं तो वेटिंग पीरियड समेत कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. आपको देखना होगा कि कोविड के इलाज के साथ जरूरी सुरक्षा उपकरण या पोस्ट कोविड के लक्षणों को आपकी बीमा कंपनी कवर करती है या नहीं. विशेषज्ञ के हवाले से ऐसे ही कुछ अहम बातें जानिए...
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1. कोविड हेल्थ इंश्योरेंस का वेटिंग पीरियड
कोविड हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insuranceः में वेटिंग पीरियड पॉलिसी खरीदने के साथ 7 दिन से 30 दिनों के बीच होता है. ज्यादातर बड़ी कंपनियों के स्वास्थ्य बीमा में कोविड कवरेज का वेटिंग पीरियड 30 दिन ही है. पॉलिसीबाजार के हेल्थ इंश्योरेंस हेड अमित छाबड़ा का कहना है कि मौजूदा समय में प्रत्येक हेल्थ एवं टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोविड भी कवर होता है, लेकिन कुछ नियम-शर्तें अलग हो सकती हैं
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2. पीपीई किट आदि का खर्च...
कोविड मरीज के अस्पताल में भर्ती (Covid hospitalization) होने पर पीपीई किट, दस्ताने,बेल्ट, थर्मामीटर, स्पाइरोमीटर जैसे कई तरह के अन्य खर्च भी शामिल होते हैं. मैक्स बूपा, बजाज एलियांज जैसी कुछ कंपनियों को छोड़कर ज्यादातर कंपनियां इनके खर्च पर हेल्थ कवर में नहीं देतीं. पॉलिसी खरीदने के समय इस पर ध्यान जरूर दें. कुछ बीमा कंपनियां राइडर के साथ इन चीजों को कवर करती है.
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3. घर पर इलाज का खर्च...
कोरोना की लहर के दौरान ज्यादातर अस्पतालों में जगह ही नहीं थी, ऐसे में महामारी को लेकर घर पर हुए इलाज का खर्च (Domiciliary Hospitalization) पर बीमा कंपनी देती है या नहीं. इस पर ध्यान जरूर दें. यानी अगर घर पर होम आईसीयू या सामान्य इलाज (Home Treatment) की जरूरत हो तो उस पर क्लेम मिलता है.
4. कूलिंग ऑफ पीरियड
छाबड़ा के मुताबिक, अगर आपको पहले ही कोरोना संक्रमण हो चुका है, तो आपको इससे जुड़ी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए 6 माह इंतजार करना होगा. ज्यादातर कंपनियां कोविड से रिकवर हो चुके मरीज के लिए छह माह का कूलिंग ऑफ पीरियड (Cooling off period For Covid) रखती हैं. लिहाजा अभी तक कोरोना की चपेट में नहीं हैं, तो इसको कवर करने वाली पॉलिसी तुरंत लेना बेहतर है.
5. बीमा राशि (Sum Insured) भी अहम
कोविड-19 में सामान्यतया 10-15 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है. संक्रमित व्यक्ति के इलाज का खर्च 10 से 15 लाख भी हो सकता है. ऐसे में ज्यादा बीमा राशि की पॉलिसी लेना बेहतर है. 1 करोड़ सम इंश्योर्ड का प्रीमियम प्रति माह 400 रुपये तक होता है, जो आपके वित्तीय जोखिम को कवर करता है.
6. कमरे के किराये की सीमा---
इसका अर्थ अस्पताल में कमरे के किराये की सीमा (Room Rent Capping) से है. कम से कम पॉलिसी में आपको सिंगल प्राइवेट एसी रूम की सुविधा जरूर हो. कई सारे प्लान में इसके किराये की कोई सीमा नहीं होती, यानी आप अपनी मर्जी से रूम चुन सकते हैं.
7. Policy खरीद का तरीका
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मिनटों में ऑनलाइन खरीदी जा सकती है और कुछ किफायती भी होती है. 65 साल से कम उम्र के किसी शख्स को कोई बीमारी नहीं है तो तुरंत ऑनलाइन पॉलिसी मिल सकती है. इसमें किसी मेडिकल की जरूरत नहीं होती है और तुरंत ही कवरेज शुरू हो जाता है.
8.उम्र और बीमारियों का ध्यान
अगर आप 65 साल से अधिक उम्र के हैं और डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से पहले ही ग्रसित (Pre Existing Illness) हैं तो भी ऑनलाइन पॉलिसी (Online Health Insurance) खरीद सकते हैं, उसमें भी मेडिकल चेकअप (Medical Checkup) की आवश्यकता नहीं होगी, बशर्ते आपको फोन पर ही अंडरराइटिंग देनी होगी.
9.पोस्ट कोविड लक्षणों का कवर जरूरी
कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद लोग पोस्ट कोविड लक्षणों (Post Covid Illness) से जूझ रहे हैं. ऐसे में ज्यादा बीमित राशि वाली कंप्रिहेंसिव इंश्योर्ड पॉलिसी लेना बेहतर होता है. अभी ये किफायती दाम पर मिल सकती हैं. पॉलिसी लेते वक्त ध्यान रखें कि प्लान में पोस्ट कोविड से जुड़े ज्यादातर लक्षण कवर होते हैं या नहीं.
10. कॉरपोरेट कवर पर्याप्त नहीं...
वेतनभोगी (सैलरीड) कर्मियों को कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस (Corporate Health Insurance) उपलब्ध होता है, लेकिन इनकी बीमा राशि काफी कम होती है. जबकि कोविड और कोविड के बाद की समस्याओं के लिए अच्छी सम इंश्योर्ड वाली पॉलिसी की जरूरत होती है.लिहाजा एक अलग से हेल्थ कवर लेना बेहतर होता है.
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