
भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे फेज के ट्रायल का डेटा सौंप दिया है. विशेषज्ञ समूह की आज बैठक होनी है, जिसमें डेटा के नतीजों पर विचार किया जा सकता है. भारत बायोटेक ने मार्च में तीसरे चरण के परीक्षणों का अंतरिम डेटा जारी किया था. इसमें कहा गया था कि कोविड-19 वायरस के खिलाफ यह 81 फीसदी तक प्रभावी है. कंपनी ने यह डेटा दवा नियंत्रक महानिदेशक (Drug Controller General of India) को सौंपा है. दवा नियामक की क्लीनिकल ट्रायल से संबंधित विशेषज्ञ समिति इन नतीजों पर आज विचार करेगा. हालांकि ये डेटा अभी किसी रिव्यू जर्नल में प्रकाशित नहीं किया गया है.
इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने कहा था कि वह तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजों को जुलाई में प्रकाशित करेगी और पूर्ण लाइसेंस का आवेदन करेगी. अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के तहत मंजूरी मिली है. इसके साथ बच्चों पर भी कोवैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है. भारत बायोटेक ने संकेत दिया है कि जल्द ही वह कोवैक्सीन का दुनिया के दूसरे देशों में भी परीक्षण करेगा. कंपनी ने एएनआई को बताया है कि पहले यह डेटा केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation) को सौंपा गया है, फिर इसे पीयर रिव्यू जर्नल को दिया जाएगा, जो तीन महीने की समयसीमा में इसे प्रकाशित करेगा.
बच्चों पर फेज 2-3 का ट्रायल दो से 18 साल के स्वस्थ वालंटियर पर किया जा रहा है. इसकी शुरुआत इसी महीने हुई थी. कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा असर पड़ने की संभावनाओं के बीच कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पूरे देश की आबादी के टीकाकरण को संभव बनाने के लिए भी यह आवश्यक है.
एम्स (AIIMS) दिल्ली और पटना में समेत देश के कई संस्थानों में इसका परीक्षण किया जा रहा है. हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ प्री सबमिशन मीटिंग होने की उम्मीद है. डब्ल्यूएचओ, वैक्सीन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति देता है.
WHO के अधिकारियों के साथ प्री सबमिशन मीटिंग के जरिये कंपनी को अंतिम तौर पर वैक्सीन का डेटा अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी को सौंपे जाने के पहले महत्वपूर्ण दिशानिर्देश मिलेंगे. इसमें क्लीनिकल ट्रायल के डेटा की सुरक्षा, प्रभावशीलता, गुणवत्ता औऱ जोखिम प्रबंधन योजना की गहन निगरानी की जाती है.
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