कोलकाता:
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को ममता बनर्जी सरकार के एक आदेश को पलटते हुए कहा कि राजकीय पुस्तकालयों में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले अखबारों की कॉपियां रखी जाएंगी।
पिछले साल मार्च महीने में सरकार ने आठ अखबारों की एक सूची जारी कर पुस्तकालयों से इन्हीं अखबारों को रखने का आदेश दिया था। इस लिस्ट में राज्य में सर्वाधिक बिकने वाले अखबार नहीं थे।
आरंभ में जारी सूची में एक भी अंग्रेजी का अखबार नहीं था, बाद में एक अखबार का नाम शामिल कर लिया गया था।
इन अखबारों की सूची में बंगाली भाषा का अखबार सकालबेला भी थी जो शारदा चिट फंड कंपनी द्वारा संचालित था। आज सकालबेला और शारदा दोनों ही अखबार बंद हो चुके हैं।
पिछले साल मार्च महीने में सरकार ने आठ अखबारों की एक सूची जारी कर पुस्तकालयों से इन्हीं अखबारों को रखने का आदेश दिया था। इस लिस्ट में राज्य में सर्वाधिक बिकने वाले अखबार नहीं थे।
आरंभ में जारी सूची में एक भी अंग्रेजी का अखबार नहीं था, बाद में एक अखबार का नाम शामिल कर लिया गया था।
इन अखबारों की सूची में बंगाली भाषा का अखबार सकालबेला भी थी जो शारदा चिट फंड कंपनी द्वारा संचालित था। आज सकालबेला और शारदा दोनों ही अखबार बंद हो चुके हैं।
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