शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने मंगलवार को कहा कि अगले आदेश तक तीनों नए कृषि कानूनों को लागू करने पर उच्चतम न्यायालय की रोक भाजपा नीत केन्द्र सरकार की नैतिक हार है.शिअद ने न्यायालय के आदेश के मद्देनजर पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां पार्टी की कोर समिति की बैठक की. पार्टी अध्यक्ष के प्रधान सलाहकार हरचरण बैंस ने कहा कि समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि ‘‘उच्चतम न्यायालय का आदेश किसान विरोधी कानूनों को परित किए जाने से पहले शिअद द्वारा उठाए गए कदमों और उसके रुख का पूरी तरह समर्थन करता है.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने तब भी कहा था कि कानूनों को टाला जाए. विधयेक को सदन में रखने से पहले किसानों की सहमति ली जाए और सदन की प्रवर समिति गठित की जाए.'' बैंस ने इंगित किया कि कैसे कृषि कानूनों को लेकर पार्टी ने भाजपा नीत राजग से नाता तोड़ा और हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री पद छोड़ा.
बादल ने ट्वीट किया, "किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश केंद्र की भाजपा सरकार की एक नैतिक नैतिक हार है . लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति, जिसमें किसान विरोधी कानूनों के समर्थक शामिल हैं को रखना एक मजाक और अस्वीकार्य है"
Today's Supreme Court order on farmers' issue is a resounding moral defeat of BJP govt at the Centre.But @Akali_Dal_ has grave concerns over reports that GoI is pushing in mercenaries among agitating farmers to incite violence & defame the most honourable & civilised struggle.1/4
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) January 12, 2021
Today's Supreme Court order on farmers' issue is a resounding moral defeat of BJP govt at the Centre.But @Akali_Dal_ has grave concerns over reports that GoI is pushing in mercenaries among agitating farmers to incite violence & defame the most honourable & civilised struggle.1/4
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) January 12, 2021
गौरतलब है कि कृषि कानूनों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाते हुए इन कानूनों को लागू किे जाने पर रोक लगा दी है. कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे. शीर्ष अदालत ने इन कानूनों पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन भी किया है. कोर्ट ने हरसिमरत मान, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, डॉ प्रमोद कुमार जोशी (पूर्व निदेशक राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन), अनिल धनवत के नाम कमिटी के सदस्य के तौर पर सुझाए हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं