
Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस के प्रकोप से देश के सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों और जिलों पर सरकार ने खास ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है. कोरोना की 'चेन' को तोड़ने के लिए सरकार यहां की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर कोरोना वायरस मामलों की निगरानी और क्वारंटाइन के लिए 'टॉप टु बॉटम' रुख अपनाएगी. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और नगर निगम आयुक्तों और जिला मजिस्ट्रेटों के बीच दो घंटे की वीडियो कॉल के दौरान गुरुवार को मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली सहित 13 शहरों के लिए COVID-19 की सम्मिलन योजना की शुरुआत की गई. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने NDTV को बताया, "नगरीय निकाय के अधिकारियों के साथ चर्चा के दौराना वायरस का प्रसार रोकने के लिए उपायों पर चर्चा की गई." आज की बैठक इस लिहाज से अहम थी क्योंकि इन 13 शहरों से ही देश के कुल मामलों के करीब 70 फीसदी मामले आए हैं. अकेले महानगर मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 35 हजार पहुंच गई है जबकि देश की राजधानी दिल्ली से अब तक करीब 15 हजार मामले सामने आए हैं
NDTV से बात करते हुए एक अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि वायरस के संक्रमण को रोकने को लिए कोई भी योजना COVID-19 रोगियों के संपर्क-पता लगाने और उनके फैलाव पर नियंत्रण के कारकों पर आधारित होनी चाहिए. गौरतलब है कि लॉकडाउन के चौथा चरण 18 मई को लागू हुआ है, इसके तहत कोरोना वायरस के प्रसार के आधार पर जिलों को रेड, ऑरेज और ग्रीन जोन में विभाजित किया गया है. लंबे लॉकडाउन और तमाम उपायों के बावजूद देश में कोरोना के संक्रमण के मामले थम नहीं रहे हैं. बुधवार को भारत में केसों की संख्या 1.5 लाख के पार पहुंच गया है. गुरुवार सुबह के आंकड़ों के अनुसार, देश ने लगातार सातवें दिन 24 घंटे की अवधि में 6,000 से अधिक नए मामले दर्ज किए हैं. देश में इस समय 31 मई तक लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन और आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) इस समय राज्यों से चर्चा कर रहा है और इस मामले में अंतिम फैसला दो-तीन दिन में किए जाने की संभावना है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं