
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाए गए 'जनता कर्फ्यू' के दिन शाम 5 बजे पूरे देश में लोगों ने ताली और थाली बजाकर उन लोगों को धन्यवाद दिया जो कोरोना वायरस से अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहे हैं. दरअसल पीएम मोदी ने लोगों से डॉक्टर, नर्स, नगर निगम के कर्मचारी, पुलिस को धन्यवाद देने के लिए ऐसा आयोजन किया था. लेकिन इंदौर इसी बात को लेकर चर्चा में है. दरअसल वहां कुछ लोगों ने इस आयोजन को जुलूस का शक्ल दे दिया. जबकि इस बीमारी को रोकने के लिए बार-बार कहा जा रहा है कि भीड़ इकट्ठा न होने पाए. लेकिन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में नजारा कुछ और ही देखने को मिला. यहां पर डीएम और एसपी खुद ही जुलूस की शक्ल में शंख और घंटा बजाते हुए निकल पड़े.
And a video is here .... pic.twitter.com/CdA5pusTbP
— Alok Pandey (@alok_pandey) March 22, 2020
आप तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि किस तरह से आला प्रशासनिक अधिकारी भीड़ की अगुवाई कर रहे हैं. लेकिन जब इस पर सोशल मीडिया पर सवाल उठे तो पीलीभीत पुलिस की ओर ट्विटर हैंडल पर सफाई दी गई, 'DM व SP द्वारा जुलूस नहीं निकाला गय. कुछ जनता चूकि बाहर आ गयी थी अतः भावनात्मक जुड़ाव के द्वारा वहां से हटाया गया. चूँकि बल प्रयोग व्यावहारिक नहीं था. मात्र एकतरफ़ा खबर से भ्रामक खबर चलायी गयी है'.
पीलीभीत डीएम की सफाई
@pilibhitpolice खंडन-DM व SP द्वारा जुलूस नहीं निकाला गया। कुछ जनता चूकि बाहर आ गयी थी अतः भावनात्मक जुड़ाव के द्वारा वहाँ से हटाया गया। चूँकि बल प्रयोग व्यावहारिक नहीं था। मात्र एकतरफ़ा खबर से भ्रामक खबर चलायी गयी है। प्रमाण के रूप में मीडिया बाइट संलग्न है @Uppolice @dgpup pic.twitter.com/NMzVEhnk3A
— pilibhit police (@pilibhitpolice) March 22, 2020
सवाल इस बात का है जब भीड़ इकट्ठा हुई तो अधिकारियों को लोगों समझाने की बजाए उस भीड़ की अगुवाई करने की क्या जरूरत थी. जब इस बीमारी के फैलने का सबसे बड़ा खतरा सामुदायिक संक्रमण है तो भीड़ कहीं भी न इकट्ठा होने पाए इस पर सबसे पहले ध्यान देना है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं