एक ओर जहां भारत सहित पूरी दुनिया वैश्विक मंदी से निपटने की कोशिश करने में लगे थे वहीं कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से नौकरियों पर एक और संकट खड़ा हो गया है. इस वायरस की वजह दुनिया भर में कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. भारत में भी पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग मायूस हैं. ख़तरा सिर्फ कारोबार में घाटे का नहीं है नौकरियां जाने का भी है. होटल कारोबार, टूर एंड ट्रैवल कंपनी और एयरलाइंस पर इतना असर पड़ा है कि तीनों सेक्टर में मंदी छा गई है और नौकरियां जाने का खतरा मंडराने लगा है. 20 साल से टूर एंड ट्रैवेल्स में काम करने वाले जय गणात्रा अपने मातहत कर्मचारियों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और खुद भी डरे हुए हैं. मार्च और अप्रैल का महीना इंक्रीमेंट का होता है लेकिन अब नौकरी जाने का खतरा है. होटल और एयरलाइन्स उद्योग के कारोबार में तकरीबन 70 से 80 फीसदी कमी आई है. ब्लू स्टार एयर ट्रैवेल्स के डायरेक्टर माधव ओझा का कहना है कि अभी छंटनी का तो नहीं, लेकिन बिना वेतन छुट्टी देने या फिर वेतन में कटौती पर विचार जारी है.
इंडिया ब्रांड इक्विटी की दिसम्बर 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में 4 करोड़ से ऊपर लोगों को रोजगार मिला था जो देश मे कुल रोजगार का 8 फीसदी है. अब अगर इतने बड़े क्षेत्र में मंदी ज्यादा दिन रहती है तो बेरोजगारी का खतरा कितना बड़ा हो सकता है ये समझना मुश्किल नहीं है.
हालांकि अभी तक तो कर्मचारियों की छंटनी की नौबत नही आई है लेकिन अगर कोरोना का संकट ज्यादा दिन बरकरार रहा तो छटनी होना निश्चित है. यही वजह है कि इस कारोबार से जुड़े लोग अभी से सरकारी टैक्स में छूट के साथ बेल आऊट पैकेज की भी मांग कर रहे हैं.
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