कोरोना वायरस के प्रकोप का प्रभाव असंगठित क्षेत्र के कामगारों पर सबसे अधिक पड़ने को रेखांकित करते हुए लोकसभा में सदस्यों ने इस पर गंभीर चिंता जाहिर की और सरकार ने उनकी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए विशेष आर्थिक उपाय किए जाने की मांग की गई. पूर्व विदेश राज्य मंत्री और कांग्रेस सदस्य परनीत कौर ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के कारण गरीब मजदूर, आटो रिक्शा ड्राइवर, रिक्शा चालक, रेहड़ी पटरी वाला तबका सबसे अधिक प्रभावित होने वाला है. उन्होंने कहा कि कोरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत कंपनियां इस तबके की मदद के लिए आगे आएं.
कौर ने कहा कि अगले दो महीने इन लोगों के लिए सर्वाधिक मुश्किल होने वाले हैं. डीएमके सदस्य एमके कनिमोई ने कहा कि कोरोना वायरस की बीमारी पूरी मानवता के लिए परीक्षा की घड़ी है. उन्होंने सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान का पूरी तरह समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने आर्थिक कार्य बल गठित करने की बात की है. उन्हें निचले गरीब तबके की भी चिंता करनी चाहिए. डीएमके के डॉ के वीरास्वामी ने फिलीपीन में फंसे भारतीय छात्रों का मुद्दा उठाया और सरकार से संबंधित देश के दूतावास के माध्यम से इन छात्रों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने की मांग की.
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