कोरोनावायरस (Coronavirus) की रोकथाम के लिए आज रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है. इसका ऐलान पीएम मोदी ने किया है उन्होंने कहा कि 21 दिन तक घर से निकलना भूल जाइए. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने कर्फ्यू को सफल बनाया है. ऐसा नहीं है कि जो देश प्रभावित हैं वह प्रयास नहीं कर रहे हैं और न ऐसा कि वहां संसाधनों की कमी है. इन देशों को दो महीने के अध्ययन से यही निष्कर्स निकल रहा है कि एक मात्र ही रास्ता है सोशल डिस्टैसिंग यानी अपने घरों में बंद रहना इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है. कोरोना को लेकर ऐसी लापरवाही भारत को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. पीएम मोदी ने कहा कि दो दिनों से देश के अनेक भागो में लॉक डाउन कर दिया है. एक्सपर्ट और अन्य देशों को अनुभव को देखते हुए आज रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन होने जा रहा है. एक एक जीवन बचाना, मेरी, भारत सरकार की, राज्य सरकार औऱ नगर निकायों की प्राथमिकता है. इसलिए मेरी प्रार्थन है कि 21 दिन तक यानी 3 हफ्ते तक जहां हैं वहीं रहें. हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो कोरोना वायरस की साइकिल तोड़ना बहुत जरूरी है. अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे. पीएम मोदी ने कहा कि यह बात मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं आपके परिवार के सदस्य के तौर पर कह रहा हूं. आज आपके दरवाजे पर लक्ष्मण रेखा खींच दी गई है. घर से बाहर पड़ने वाला एक कदम कोरोना जैसी बीमारी को घर लेकर आ सकता है...
पीएम मोदी ने कहा कि कई बार कोरोना संक्रमित शख्स भी स्वस्थ रह सकता है. इस महामारी संक्रमित व्यक्ति हफ्ते 10 दिन में सैकड़ों लोगों को बीमार कर सकती है. WHO का आंकड़ा है कि पहले 1 लाख तक लोगों तक पहुंचने में इसे 68 दिन लगे थे लेकिन 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे और 3 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 4 दिन लगे. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसे रोकना बहुत मुश्किल होता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चीन,. अमेरिका, इटली,. फ्रांस जैसे देश में .यह संभाल नहीं पाए. इन देशों की स्वास्थ्य सेवाएं भी बहुत बेहतर हैं. लेकिन इससे निपटने की उम्मीद किरण ये है कि इन देशों के नागरिकों ने सरकारी निर्देशों का पालन किया और घर से बाहर हफ्तों कैद रहे. इसलिए कुछ भी हो जाए अब कुछ भी हो जाए घर से बाहर नहीं निकलना है. हमें इस महामारी को रोकना है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज उस स्टेज पर है जहां आज के ऐक्शन तय करेंगे कि हम इसे कितना रोक सकते है. यह समय संयम बरतने का है. पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि हमें अपना वचन निभाना है और उन लोगों के बारे में भी सोचना है जो इस महमारी ,से एक-एक जीवन बचाने के लिए अस्पताल में काम कर रहे हैं. डॉक्टर, नर्स, वार्डब्वाय, के बारे में भी सोचिए. उन लोगों ेके बारे मेंं भी सोचिए जो मोहल्लों और गलियों को सैनिटाइज कर रहे हैं..मीडिया और पुलिसकर्मियोंके बारे में भी जो आपको बचाने के लिए दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं.
कोरोना से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कत न हो इसलिए आवश्यक चीजों की सप्लाई जारी रखने के लिए सुनिश्चित की जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन औऱ विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है. कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है., इससे संसाधन बढ़ाए जाएंगे. इस समय सभी राज्यों की प्राथमिकता स्वास्थ्य ,सेवाएं ही होनी चाहिए. प्राइवेट लैब और अस्पताल भी साथ आ रहे हैं.. इस बीच एक बात और ध्यान रखना है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास बचें.. बिना डॉक्टरों की सलाह के कोई दवा न लें.
साथियों मुझे विश्वास के आप लोग हर निर्देशों का पालन करेंगे. ये आपके जीवन को बचाने के लिए है. आप अपना ध्यान रखिए और अपनों का ध्यान रखिए. आत्म विश्वास के साथ पूरी तरह ,संयम बरतते हुए हम सब इन बंधनों को स्वीकार करें
इससे पहले क्या हुआ
लोग लापरवाही न बरतें : पीएम मोदी
केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी किया है कि वो लॉकडाउन और शटडाउन के नियमों को सख्ती से लागू करें. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की तरफ से ये निर्देश प्रधान मंत्री के उस ट्वीट के बाद जारी किया गया है जिसमे मोदी ने कहा था की लॉकडाउन को कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि लोग देश में लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. मोदी ने एक ट्वीट के जरिए लोगों से अपील करते हुए कहा, 'लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें. राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं.'
रविवार को किया था जनता कर्फ्यू का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए लोगों से रविवार को ‘जनता कर्फ्यू' (Janata curfew) का ऐलान किया था. मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाने के तहत रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक ‘जनता कर्फ्यू' का प्रस्ताव रखा था. प्रधानमंत्री ने यह ऐलान 19 मार्च की रात 8 बजे किया था. उन्होंने कहा था, इस बीमारी को हल्के में लेने की भूल न करें. उन्होंने कहा यह भी इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है. लेकिन घबराने की जरूरत नही है. इसका एक ही उपाय है 'संकल्प और संयम'. उन्होंने देश की जनता से अपील करते हुए कहा, 'अभी तक मैंने आपसे जो कुछ भी मांगा है उसे दिया है. इस बार हम से कुछ हफ्ते और दिन मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि 22 मार्च यानी रविवार को पूरे देश में 'जनता कर्फ्यू' लागू रहेगा. सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक कोई घरों से बाहर न निकले.
32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश लॉकडाउन
देश के 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पूरी तरह से लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. इस फैसले 560 जिलों में पूरी तरह से बंदी लागू कर दी गई है. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है. मंगलवार सुबह तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के कुल मामले 492 हैं.
सभी ट्रेनें, मेट्रो रेल और अंतरराज्यीय बस सेवाएं बंद
कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब 31 मार्च तक सभी ट्रेनें, मेट्रो और अंतरराज्यीय बस सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इससे पहले भारतीय रेलवे ने कहा था कि देशभर में 31 मार्च तक यात्री ट्रेनों का परिचालन नहीं होगा. इस आदेश से सिर्फ मालगाड़ी को छूट दी गई है. पीआईबी की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, कोरोना वायरस को लेकर उठाए जाने वाले कदम के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने प्रीमियम ट्रेन, मेल/एक्सप्रेस, पैसेंजर, उपनगरीय ट्रेन, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे समेत सभी यात्री ट्रेन सेवाओं को 31 मार्च तक बंद करने का फैसला किया है. हालांकि उपनगरीय ट्रेनों और कोलकाता मेट्रो रेल की बहुत सीमित सेवाएं 22 मार्च तक चलती रहेंगी.
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