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This Article is From Jun 02, 2020

क्या MP विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की मदद करेंगे प्रशांत किशोर? चुनावी रणनीतिकार ने दिया यह जवाब....

प्रदेश में अभी उपचुनाव की तारीखों का एलान होना बाकी है लेकिन दोनों प्रमुख दलों ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.

क्या MP विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की मदद करेंगे प्रशांत किशोर? चुनावी रणनीतिकार ने दिया यह जवाब....
पटना:

मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीति को धार देने के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशार (Prashant Kishor) की सहायता लेने की बात मीडिया में आई थी.लेकिन प्रशांत किशोर ने इससे साफ इनकार कर दिया है.

भोपाल शहर की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक एवं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से मंगलवार को कहा, ‘‘प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से बात कर रहे हैं. वह सर्वेक्षण कर, सोशल मीडिया और मतदान की रणनीति बनाने में पार्टी की सहायता करेंगे.''शर्मा ने बताया कि किशोर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह पार्टी के उम्मीदवार चयन और अन्य मुद्दों पर भी मदद करेंगे.''

हालांकि प्रशांत किशोर का ने इस खबर का खंडन किया हैं. उनका कहना है, 'ना केवल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी मुझसे संपर्क किया था लेकिन मैंने ना तो कोई सहमति दी हैं और ना कोई फ़ैसला लिया है. मैं इसलिए फ़िलहाल नहीं लूंगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी के साथ राज्य स्तर पर काम करने में फ़िलहाल कोई रुचि नहीं हैं.'

बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव सत्तारुढ़ बीजेपी सरकार का भविष्य तय करेगा. कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव जीतकर कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में फिर से वापसी करना चाहती है.

प्रदेश भाजपा पहले ही इस खबर को तवज्जो नहीं दी थी .भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा था, ‘‘किशोर क्या करेंगे. कांग्रेस ने समाज के हर वर्ग से झूठे वादे किये. कृषि ऋण माफी, बेरोजगारी भत्ता, नवविवाहितों को 51,000 रुपये की सहातया आदि मामलों का क्या हुआ. हम सभी 24 सीटें जीतने जा रहे हैं.''

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में 15 महीने के शासन के दौरान कांग्रेस बेनकाब हो गयी.हालांकि, प्रदेश में अभी उपचुनाव की तारीखों का एलान होना बाकी है लेकिन दोनों प्रमुख दलों ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.

मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई. पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थक विधायक भी त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गये.

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