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This Article is From Sep 30, 2020

बाबरी विध्वंस पर विशेष अदालत का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रतिकूल : कांग्रेस

कांग्रेस (Congress) ने बाबरी विध्वंस (Babri Verdict) मामले में CBI की विशेष अदालत के फैसले को पिछले साल आए उच्चतम न्यायालय के निर्णय के प्रतिकूल करार दिया है.

बाबरी विध्वंस पर विशेष अदालत का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रतिकूल : कांग्रेस
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) ने बाबरी विध्वंस (Babri Verdict) मामले में CBI की विशेष अदालत के फैसले को पिछले साल आए उच्चतम न्यायालय के निर्णय के प्रतिकूल करार देते हुए बुधवार को कहा कि संविधान, सामाजिक सौहार्द व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद करता है कि इस "तर्कविहीन निर्णय" के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्र सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने संवाददाताओं से कहा, "बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व संविधान की परिपाटी से परे है. उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के 9 नवंबर, 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था, पर विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया. विशेष अदालत का निर्णय साफ तौर से उच्चतम न्यायालय के निर्णय के भी प्रतिकूल है."

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "पूरा देश जानता है कि भाजपा-आरएसएस व उनके नेताओं ने राजनैतिक फायदे के लिए देश व समाज के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षडयंत्र किया था. उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग करने की इस साजिश में शामिल थी." सुरजेवाला ने कहा, "यहां तक कि उस समय झूठा शपथ पत्र देकर उच्चतम न्यायालय तक को बरगलाया गया. इन सब पहलुओं, तथ्यों व साक्ष्यों को परखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैरकानूनी अपराध ठहराया था."

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उन्होंने कहा, "संविधान, सामाजिक सौहार्द्र व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद व अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्कविहीन निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्रीय सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी तथा बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून की अनुपालना करेंगी."

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गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 दिसम्बर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी.

VIDEO: बाबरी मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को किया बरी

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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