CWC Meet : पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद पहली बार बैठक
नई दिल्ली:
विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हो रही है. कांग्रेस के कई असंतुष्ट धड़े के नेताओं ने सांगठनिक बदलाव की मांग की है.इस दौरान हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. कांग्रेस पार्टी ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि गांधी परिवार के सदस्य संगठनात्मक पदों से इस्तीफा दे देंगे.
- पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक रविवार शाम शुरू हुई. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी शामिल होने पहुंचे हैं. बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है. सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रही हैं, प्रियंका गांधी के अलावा राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं. दोनों भाई बहन पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
- कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पीएल पुनिया, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा भी पहुंचे हैं. कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े में शामिल गुलाम नबी आजाद भी पहुंचे हैं. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद असंतुष्ट गुट जी-23 की बैठक भी हुई थी, जो गुलाम नबी आजाद के घर हुई थी. इसमें मनीष तिवारी समेत कई नेता शामिल हुए थे.
- सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुनने के लिए संगठन चुनावों को तय समय से पहले कराया जा सकता है. सीडब्ल्यूसी की बैठक में इसको लेकर निर्णय़ हो सकता है. पहले ये चुनाव अगस्त-सितंबर में कराया जाना प्रस्तावित था. बैठक के पहले झारखंड की कांग्रेस इकाई ने सोनिया-राहुल के समर्थन में प्रस्ताव पास किया है.
- उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एक गहन प्रचार अभियान के बावजूद, राज्य में कांग्रेस 403 विधानसभा सीटों में से केवल दो पर जीत हासिल कर सकी. कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी भी कम होकर 2.33 प्रतिशत हो गई और उसके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.
- पार्टी की 2019 के आम चुनावों में लगातार दूसरी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में फिर से पार्टी की बागडोर संभाली थी. उन्होंने ने भी अगस्त 2020 में पार्टी नेताओं के एक वर्ग ‘जी-23' द्वारा खुले विद्रोह के बाद पद छोड़ने की पेशकश की थी लेकिन सीडब्ल्यूसी ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया था.
- इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23' समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को भी बैठक की जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी. राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए.
- सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल 'जी 23' के नेता सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं. ‘जी 23' समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं.
- लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीटीआई-भाषा से टेलीफोन पर बातचीत में स्वीकार किया कि कांग्रेस संगठनात्मक कमजोरी के कारण हार गई, लेकिन कहा कि पार्टी नेतृत्व में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है. चौधरी ने कहा, 'हमारी पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी है और यही वजह है कि हम हारे हैं.'
- कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन खबरों को रविवार को ‘‘गलत और शरारती'' करार देते हुए खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने पार्टी में किसी बड़े बदलाव को खारिज कर दिया. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि कथित इस्तीफे की खबरें अनुचित, शरारती और गलत हैं.
- सुरजेवाला ने कहा, ‘‘एक टीवी चैनल के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काल्पनिक स्रोतों से निकलने वाली इस तरह की निराधार दुष्प्रचार कहानियों को प्रसारित करना अनुचित है.'लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा, ‘‘अफवाह फैलाने वालों के चेहरे कल लटक जाएंगे.' कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भविष्य के चुनावों में परिणाम प्राप्त करने के लिए पूरी पार्टी में 'पुनर्गठन' का आह्वान किया,