लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कई राज्यों में कांग्रेस के अंदर बगावत के सुर फूट रहे हैं. अभी तक कई विधायकों और नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. हालात यह हैं कि मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों के बीच भी पटरी नहीं खा रही है. राजस्थान में जहां सीएम अशोक गहलोत ने अपने बेटे वैभव गहलोत के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ा है तो मध्य प्रदेश में गुना सीट से हार का स्वाद चख चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री ठीक से प्रदर्शन नहीं कर पाए. उनका निशाना जाहिर तौर पर सीएम कमलनाथ की ओर था जो अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से जिताने में लगे रहे. दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में भी सालों से मुख्यमंत्री पद का सपना देख रहे कई वरिष्ठ नेता पार्टी के प्रदर्शन पर चुप्पी साधे हुए हैं. बात करें महाराष्ट्र की तो यहां पर पार्टी के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से नाराज होकर विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि अपने बेटे तक के लिए भी प्रचार नहीं किया है. उन्हें पार्टी आलाकमान से कोई शिकायत नहीं है, जिसने मुझे विपक्ष का नेता बनने का मौका दिया है. पाटिल ने कहा, 'मैंने अछ्छा काम करने की कोशिश की है. लेकिन हालात ने मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया है'. इसके बाद वीखे ने महाराष्ट्र के सीएम से भी मुलाकात की है.
Radhakrishna Vikhe Patil met Maharashtra CM Devendra Fadnavis today. Patil has resigned as Congress MLA today. (file pics) pic.twitter.com/vHbMuIV3r1
— ANI (@ANI) June 4, 2019
Radhakrishna Vikhe Patil on his resignation as Congress MLA: I didn't even campaign for the party during Lok Sabha elections. I don't doubt High Command, they had given me an opportunity by making me the Leader of Opposition. I tried to do good work but situation made me resign. pic.twitter.com/XPOuWvv07M
— ANI (@ANI) June 4, 2019
वहीं महाराष्ट्र में ही कांग्रेस से निष्कासित एक और विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा है कि 8 से 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं जो कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हैं. राज्य का नेतृत्व पार्टी को बर्बाद कर रहा है.
Abdul Sattar, expelled Congress MLA: 8 to 10 Congress MLAs are in touch with BJP. Disappointment with Congress leadership in state and their way of functioning are the reason behind our decision. State leadership is destroying the party here. pic.twitter.com/nyBX4Y9iIs
— ANI (@ANI) June 4, 2019
बात करें कर्नाटक की तो यहां भी कांग्रेस के लिए अच्छी खबर नहीं है. कर्नाटक कांग्रेस के नेता रोशन बेग ने कहा है कि वह पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं. उन्होंने राज्य नेतृत्व के खिलाफ बोला है. एक भी शब्द केंद्रीय नेतृ्त्व के बारे में नहीं कहा है. राज्य में जो भी हो रहा है वह मूक दर्शक बनकर नहीं देख सकते हैं. रामलिंगा रेड्डी जैसे वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में किनारे किया जा रहा है. कांग्रेसके नेता और पूर्व विधायक केएन रजन्ना का कहना है कि जी. परमेश्वरा पीएम मोदी के शपथग्रहण तक ही उप मुख्यमंत्री हैं, इसके बाद न वह मंत्री रहेंगे और न यह सरकार सत्ता में रहेगी. अगले महीने की 10 तारीख तक सरकार गिर जाएगी.
Roshan Baig, Karnataka Congress:I'm a disciplined soldier of Congress. I spoke against state leadership of the party, didn't utter a word against central leadership. We can't be mute spectators to what's happening here. Senior leaders like Ramalinga Reddy & me are being sidelined pic.twitter.com/tnUwYjZpG2
— ANI (@ANI) June 4, 2019
गुजरात में भी पार्टी संकट में आ सकती है. 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राधनपुर सीट से निर्वाचित अल्पेश ठाकोर भी इस्तीफा दे चुके हैं. उनका दावा है कि राज्य में कांग्रेस के 15 से ज्यादा विधायक पार्टी छोड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस से हर कोई नाराज और असंतुष्ट हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'देखो और इंतजार करो'. कुल मिलाकर एक ओर दिल्ली में जहां कांग्रेस नए पार्टी अध्यक्ष को तलाशने और राहुल गांधी को मनाने में जुटी हुई तो राज्यों में भी तकरार और बगावत का संकट बढ़ता जा रहा है.
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