पीएम मोदी ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने ईरान से तेल आयात में कटौती करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'कागजी शेर' करार दिया और कहा कि वह अमेरिकी दबाव में झुक गए हैं. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार ने जानबूझकर जून में ईरान से कच्चे तेल क आयात में कटौती की और इससे साबित होता है कि मोदी की क्षेत्रीय नीति भ्रामक और निरर्थक है. कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या ईरान से तेल के आयात में कटौती करने के कारण तेल की कीमतों में वृद्धि होने से भारतीय उपभोक्ताओं को बचाने की कोई ठोस योजना सरकार के पास है? कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, "भारत रोजाना 7.70 लाख बैरल तेल का आयात करता था जो घटकर 5.70 लाख बैरल रोजाना हो गया है. सब जानते हैं कि भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरतों का 80 फीसदी आयात करता है."
भारत को तेल आपूर्ति सुनिश्चित करने को हरसंभव कदम उठाएगा ईरान
उन्होंने कहा, "ईरान से तेल आयात में कटौती से आम आदमी की जेब पर सीधा असर होगा. आपूर्ति में कमी होने से तेल की कीमतों में इजाफा होगा, जिससे चालू खाते का घाटा बढ़ेगा." कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि तेल आयात में कटौती से जाहिर है कि मोदी कागजी शेर हैं और वह अमेरिकी दबाव में झुक गए हैं। आखिरकार इससे भारतीय उपभोक्ताओं को नुकसान झेलना पर रहा है.
अमेरिका-ईरान के बीच ऐटमी डील टूटने का असर भारत पर भी
उन्होंने कहा, "इससे यह भी साबित होता है कि मोदी की विदेश नीति भ्रामक और निरर्थक है. तेल की कीमतों पर नियंत्रण का जहां तक सवाल है तो मोदी ने एक बार फिर भारत के राष्ट्रीय हितों के बजाय अमेरिकी हितों को प्राथमिकता दी है."
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उन्होंने कहा, "ईरान से तेल आयात में कटौती से आम आदमी की जेब पर सीधा असर होगा. आपूर्ति में कमी होने से तेल की कीमतों में इजाफा होगा, जिससे चालू खाते का घाटा बढ़ेगा." कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि तेल आयात में कटौती से जाहिर है कि मोदी कागजी शेर हैं और वह अमेरिकी दबाव में झुक गए हैं। आखिरकार इससे भारतीय उपभोक्ताओं को नुकसान झेलना पर रहा है.
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उन्होंने कहा, "इससे यह भी साबित होता है कि मोदी की विदेश नीति भ्रामक और निरर्थक है. तेल की कीमतों पर नियंत्रण का जहां तक सवाल है तो मोदी ने एक बार फिर भारत के राष्ट्रीय हितों के बजाय अमेरिकी हितों को प्राथमिकता दी है."
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