
दिल्ली में माकपा की केंद्रीय समिति की बैठक के दूसरे दिन केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ाई में विपक्ष का नेतृत्व नहीं कर सकती. वाम दल के केरल नेतृत्व ने भगवा पार्टी के खिलाफ इस जिम्मेदारी का नेतृत्व करने में कांग्रेस की ''नैतिक विश्वसनीयता'' पर सवाल उठाया. कुछ नेताओं ने इसके ''नरम हिंदुत्व'' रुख का मुद्दा भी उठाया.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सूत्रों ने कहा कि अगले साल होने वाले पार्टी सम्मेलन के लिए तैयार किये जा रहे मसौदा प्रस्ताव में इस रुख को प्रतिबिंबित करते हुए अपने कैडर आधार को मजबूत करने पर बल दिये जाने की उम्मीद है.
नेताओं ने यह भी बताया कि उन क्षेत्रीय दलों के साथ गठजोड़ पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अधिक प्रबल विरोधी साबित हुए हैं. हालांकि कुछ नेताओं ने तर्क दिया कि कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी एकता सफल नहीं हो सकती.
केरल के नेताओं ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को भाजपा के विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
सूत्रों ने संकेत दिया कि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी सहित कई नेताओं ने रणनीतिक कारणों से कांग्रेस के साथ गठबंधन करने पर जोर दिया है, जैसे उन्होंने असम या तमिलनाडु में किया था. तमिलनाडु में वे द्रमुक के साथ गठबंधन का हिस्सा थे.
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