नई दिल्ली:
कोयला ब्लॉक्स के आवंटन में कथित अनियमितता पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्ष ने शुक्रवार को लगातार चौथे दिन संसद के दोनों सदनों में कामकाज नहीं होने दिया।
भारी शोरगुल के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। अलबत्ता सरकार को सफाई देने के लिए एकसाथ अपने तीन मंत्रियों को मैदान में उतारना पड़ा।
सरकार ने तमाम आरोपों पर सफाई देते हुए सीएजी की रिपोर्ट को गलत बताया, जिसमें कोयला ब्लॉक्स के आवंटन से सरकारी खजाने को 1.85 लाख रुपये के अनुमानित नुकसान होने की बात कही गई है। सरकार ने इन अटकलों को भी खारिज किया कि विपक्ष के हंगामे को देखते हुए वह संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का मन बना रही है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के सदस्यों ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगा। बढ़ते हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। बाद में कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी यही स्थिति रही, जिसके कारण पीठासीन अधिकारी फ्रांसिस्को सरदिन्हा ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग की। हंगामे को देखते हुए सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में कार्यवाही शुरू होने पर भी यही स्थिति रही, जिसके बाद उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोहपर के भोजनावकाश के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुरू की गई तो भाजपा के सदस्यों ने एक बार फिर अपनी मांग उठाई, जिसके बाद उप सभापति कुरियन ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इस बीच, सरकार ने मामले में सफाई देते हुए कोयला ब्लॉक्स के आवंटन पर सीएजी की रिपोर्ट को गलत बताया। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सीएजी ने जिन 57 आवंटित कोयला ब्लॉक को अपने निरीक्षण में शामिल किया है, उनमें खनन नहीं किया गया है। यदि कोयला का खनन नहीं किया गया है, तो लाभ या नुकसान का सवाल ही नहीं है... अनुमानित नुकसान का यह आकलन दोषपूर्ण है।"
वहीं, जायसवाल ने कहा कि सरकार सीएजी के मूल्यांकन से सहमत नहीं है। केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि उन्होंने सीएजी से अंतिम रिपोर्ट तैयार करने से पहले कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से मशविरा करने के लिए कहा था, लेकिन सीएजी ने ऐसा नहीं किया। सीएजी ने महान्यायवादी तथा कोयला खनन पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त मंत्री समूह का विचार भी नहीं जाना।
चिदम्बरम ने कहा कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने पारदर्शिता के लिए नीति में परिवर्तन किया और इसके लिए अब सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यदि आप कुछ नहीं करते हैं तब भी आरोप लगाए जाते हैं, यदि आप कुछ बदलने की कोशिश करते हैं तब भी आरोप लगाए जाते हैं। सार्वजनिक मामलों को निपटाने का क्या यही तरीका है?"
कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर आगामी कदम के बारे में पूछे जाने पर चिदम्बरम ने कहा कि सरकार सीएजी, महान्यायवादी तथा मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की रिपोर्ट पर निर्णय लेगी। चिदम्बरम ने विपक्षी दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपील की कि वह संसद की कार्यवाही चलने दे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मुद्दे पर संसद में बयान देने और चर्चा कराने के लिए तैयार हैं। चिदम्बरम ने संसद नहीं चलने देने के भाजपा के रुख पर निराशा जताई।
इस बीच, केंद्र सरकार ने कोयला ब्लॉक्स आवंटन को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित होने के मद्देनजर इसे अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित किए जाने सम्बंधी अटकलों को खारिज कर दिया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा, "संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता... बहुत से विधेयक लम्बित हैं।"
संसद में शांति स्थापित करने के लिए बंसल ने भाजपा नेता सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, "हम भाजपा के नेताओं से रोजाना बातचीत कर रहे हैं... हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई नतीजा निकलेगा।"
भारी शोरगुल के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। अलबत्ता सरकार को सफाई देने के लिए एकसाथ अपने तीन मंत्रियों को मैदान में उतारना पड़ा।
सरकार ने तमाम आरोपों पर सफाई देते हुए सीएजी की रिपोर्ट को गलत बताया, जिसमें कोयला ब्लॉक्स के आवंटन से सरकारी खजाने को 1.85 लाख रुपये के अनुमानित नुकसान होने की बात कही गई है। सरकार ने इन अटकलों को भी खारिज किया कि विपक्ष के हंगामे को देखते हुए वह संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का मन बना रही है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के सदस्यों ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगा। बढ़ते हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। बाद में कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी यही स्थिति रही, जिसके कारण पीठासीन अधिकारी फ्रांसिस्को सरदिन्हा ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग की। हंगामे को देखते हुए सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में कार्यवाही शुरू होने पर भी यही स्थिति रही, जिसके बाद उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोहपर के भोजनावकाश के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुरू की गई तो भाजपा के सदस्यों ने एक बार फिर अपनी मांग उठाई, जिसके बाद उप सभापति कुरियन ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इस बीच, सरकार ने मामले में सफाई देते हुए कोयला ब्लॉक्स के आवंटन पर सीएजी की रिपोर्ट को गलत बताया। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सीएजी ने जिन 57 आवंटित कोयला ब्लॉक को अपने निरीक्षण में शामिल किया है, उनमें खनन नहीं किया गया है। यदि कोयला का खनन नहीं किया गया है, तो लाभ या नुकसान का सवाल ही नहीं है... अनुमानित नुकसान का यह आकलन दोषपूर्ण है।"
वहीं, जायसवाल ने कहा कि सरकार सीएजी के मूल्यांकन से सहमत नहीं है। केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि उन्होंने सीएजी से अंतिम रिपोर्ट तैयार करने से पहले कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से मशविरा करने के लिए कहा था, लेकिन सीएजी ने ऐसा नहीं किया। सीएजी ने महान्यायवादी तथा कोयला खनन पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त मंत्री समूह का विचार भी नहीं जाना।
चिदम्बरम ने कहा कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने पारदर्शिता के लिए नीति में परिवर्तन किया और इसके लिए अब सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यदि आप कुछ नहीं करते हैं तब भी आरोप लगाए जाते हैं, यदि आप कुछ बदलने की कोशिश करते हैं तब भी आरोप लगाए जाते हैं। सार्वजनिक मामलों को निपटाने का क्या यही तरीका है?"
कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर आगामी कदम के बारे में पूछे जाने पर चिदम्बरम ने कहा कि सरकार सीएजी, महान्यायवादी तथा मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की रिपोर्ट पर निर्णय लेगी। चिदम्बरम ने विपक्षी दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपील की कि वह संसद की कार्यवाही चलने दे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मुद्दे पर संसद में बयान देने और चर्चा कराने के लिए तैयार हैं। चिदम्बरम ने संसद नहीं चलने देने के भाजपा के रुख पर निराशा जताई।
इस बीच, केंद्र सरकार ने कोयला ब्लॉक्स आवंटन को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित होने के मद्देनजर इसे अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित किए जाने सम्बंधी अटकलों को खारिज कर दिया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा, "संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता... बहुत से विधेयक लम्बित हैं।"
संसद में शांति स्थापित करने के लिए बंसल ने भाजपा नेता सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, "हम भाजपा के नेताओं से रोजाना बातचीत कर रहे हैं... हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई नतीजा निकलेगा।"
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