सीएनआर राव की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
जाने-माने वैज्ञानिक और भारत रत्न से सम्मानित सीएनआर राव को शनिवार को जापान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया।
राव को दोनों देशों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शैक्षणिक आदान-प्रदान और पारस्परिक समझ विकसित करने के लिए यह सम्मान दिया गया है। उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में भारत में जापानी राजदूत ताकेशी यागी ने 'ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन, गोल्ड एंड सिल्वर स्टार' और प्रमाणपत्र सौंपा।
सम्मानित होने के बाद राव ने कहा, मेरा मानना है कि भारत और जापान का भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। भारत को एशिया में जापान को अपनी सबसे बड़ी ताकत के रूप में साकार करना है और जापान को भारत को अपना सबसे बड़ा मित्र बनाना है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को बड़े देश के तौर पर उभरने में एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। उन्होंने भारत और जापान में युवा पीढ़ियों से अपील की कि वे एक-दूसरे के बारे में और जानें और अपनी क्षमताओं को साकार करने के लिए साथ काम करें।
उन्होंने कहा, जापान जो वैज्ञानिक कार्य कर रहा है, वह असाधारण है। हम जापान के काफी ऋणी हैं। एक महान देश से सम्मान प्राप्त करना बड़े सम्मान की बात है। मैं बचपन से ही जापान का प्रशंसक रहा हूं और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश को आगे बढ़ते देखा है।
राव को दोनों देशों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शैक्षणिक आदान-प्रदान और पारस्परिक समझ विकसित करने के लिए यह सम्मान दिया गया है। उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में भारत में जापानी राजदूत ताकेशी यागी ने 'ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन, गोल्ड एंड सिल्वर स्टार' और प्रमाणपत्र सौंपा।
सम्मानित होने के बाद राव ने कहा, मेरा मानना है कि भारत और जापान का भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। भारत को एशिया में जापान को अपनी सबसे बड़ी ताकत के रूप में साकार करना है और जापान को भारत को अपना सबसे बड़ा मित्र बनाना है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को बड़े देश के तौर पर उभरने में एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। उन्होंने भारत और जापान में युवा पीढ़ियों से अपील की कि वे एक-दूसरे के बारे में और जानें और अपनी क्षमताओं को साकार करने के लिए साथ काम करें।
उन्होंने कहा, जापान जो वैज्ञानिक कार्य कर रहा है, वह असाधारण है। हम जापान के काफी ऋणी हैं। एक महान देश से सम्मान प्राप्त करना बड़े सम्मान की बात है। मैं बचपन से ही जापान का प्रशंसक रहा हूं और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश को आगे बढ़ते देखा है।
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