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This Article is From Jul 26, 2014

सहारनपुर में दो गुटों में झड़प में तीन की मौत, कर्फ्यू लागू

सहारनपुर:

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है और करीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं। हालात नियंत्रित करने के लिए सेना को बुला लिया गया है। इस बीच मुख्य सचिव ने इस मामले में आला अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है।

मुख्य सचिव ने वहां के खुफिया अधिकारियों को इसका जिम्मेदार माना है। इस बीच शासन ने हालात को काबू में करने के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों को सहारनपुर भेजा है।

सहारनपुर में भड़के बवाल के बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सख्त रुख अपनाते हुए एक बैठक बुलाकर सभी बड़े अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने सहारनपुर में तैनात खुफिया अफसरों की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की।

मुख्य सचिव ने कहा कि उनके द्वारा ऐसी घटनाओं की जानकारी उच्च अधिकारियों को समय से क्यों नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि सहारनपुर के आस-पास जनपदों से भी आवश्यकतानुसार पुलिस बल तत्काल तैनात करा दिए जाएं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनका दायित्व है कि प्रत्येक दशा में शहर में शान्ति-व्यवस्था कायम की जाए।

आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि सहारनपुर में हुई दु:खद घटना को नियंत्रित करने के लिए इसमें लिप्त असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के साथ किसी भी अराजक तत्व को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में लिप्त होने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए और विधि के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा कि सहारनपुर शहर में पर्याप्त पीएसी एवं केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल तैनात कर शहर में शान्ति व्यवस्था कायम की जाए। आवश्यकतानुसार शहर के अन्य क्षेत्रों में भी कर्फ्यू लगाकर घटना को नियंत्रित किया जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव गृह राकेश बहादुर, पुलिस महानिदेशक एएल बनर्जी, सचिव गृह राजीव अग्रवाल एवं कमल सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इस बीच शासन ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भुवनेश कुमार और आईपीएस अधिकारी दीपक रतन को हेलीकाप्टर से सहारनपुर भेजा है। साथ ही छह कंपनी सीआरपीएफ, 18 कंपनी पीएसी के अलावा भारी फोर्स सहारनपुर के लिए रवाना किया गया है।

गौरतलब है कि सहारनपुर में मामूली विवाद के बाद दो वर्गो में संघर्ष छिड़ गया। कर्फ्यू लगने के बावजूद दंगा बेकाबू होते देख दोपहर तक सेना बुला ली गई। हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हुई है। हालांकि पुलिस की तरफ  से अभी एक ही व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

इससे पूर्व उग्र भीड़ ने कई वाहनों, दुकानों व घरों में आग लगा दी। प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है, लेकिन हालात अब भी काबू से बाहर हैं। स्थिति पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से सेना पूरे शहर में फ्लैग मार्च कर रही है।

कुतुबशहर थाना क्षेत्र में अंबाला रोड स्थित एक धार्मिक स्थल की जमीन को लेकर विवाद शुरू हुआ। शुक्रवार शाम को उक्त जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को लेकर वहां पथराव हुआ था। हालांकि शुक्रवार का बवाल कल देर रात ही थम गया, लेकिन दोनों पक्ष शनिवार को फिर भिड़ गए।

सुबह दर्जनों वाहनों व दुकानों में आगजनी की गई। जमकर पथराव और गोलीबारी भी हुई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बवाल में सिटी मजिस्ट्रेट और लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी समेत लगभग दो दर्जन लोग घायल हो गए। कई घायलों को गोली भी लगी है। घटना में एक पुलिसकर्मी समेत दो लोगों के मरने की भी खबर है। बवाल करने वालों ने फायर ब्रिगेड के दफ्तर को भी फूंक दिया। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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