यह ख़बर 30 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अंडमान के पास चीन का संदिग्ध जासूसी पोत

खास बातें

  • संदिग्ध गुप्तचर पोत भारतीय सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दिखावे के तौर पर मछली पकड़ने वाले ट्रालर के रूप में आया था।
नई दिल्ली:

नौसेना ने हाल में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास चीन के एक संदिग्ध गुप्तचर पोत का पता लगाया जो वहां पर भारतीय सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दिखावे के तौर पर मछली पकड़ने वाले ट्रालर के रूप में आया था। इस घटना ने हिंद महासागर क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी में चीन के बढ़ती मौजूदगी और उसके हित संबंधी आकलन को और बल मिला है। नौसेना सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस पोत को करीब चार महीने पहले अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में देखा गया था और हो सकता है कि उसका इस्तेमाल उस क्षेत्र में भारतीय प्रक्षेपास्त्र परीक्षणों और अन्य विमानों और युद्धपोतों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा हो। सूत्रों ने बताया कि नौसेना के युद्धपोत उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाये क्योंकि वह पोत भारतीय जलसीमा में नहीं था। नौसेना ने यद्यपि उसकी गतिविधियों पर बारीक नजर रखी। रक्षा विश्लेषक कमांडर सुनील चौहान (सेवानिवृत्त) ने कहा, आने वाले वषरें में चीन की नौसेना में विमानवाही पोत के शामिल होने के बाद बंगाल की खाड़ी के आसपास चीन के पोतों की मौजूदगी और बढ़ेगी। हाल के वषरें में चीन की नौसेना की बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में मौजूदगी बढ़ी है और उसका कहना है कि ऐसा वहां पर उसके व्यापारिक हित की रक्षा के लिए है।


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