राहुल गांधी से मिले कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम
खास बातें
- चुनाव बाद पहली बार मिले सभी मुख्यमंत्री
- राहुल गांधी से कई घंटे चली मुलाकात
- अभी भी अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़े हैं राहुल गांधी
नई दिल्ली: कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान सभी मुख्यमंत्रियों ने उनसे पार्टी के अध्यक्ष (Rahul Gandhi) के तौर पर बने रहने का आग्रह भी किया. बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत मे कहा कि हमने राहुल जी से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष (Rahul Gandhi) पद पर बने रहें. उन्होंने हमें धैर्यपूर्वक सुना. हम आशा करते हैं कि वह हमारे आग्रह को स्वीकार करेंगे. इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने हिस्सा लिया था.
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बैठक से पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए उनसे मुलाकात करेंगे. पहले भी हमने कहा है कि हम सभी कांग्रेस अध्यक्ष के साथ हैं और 2019 की हार की जिम्मेदार लेते हैं. हमारा यह मानना है कि मौजूदा हालात में सिर्फ राहुल जी ही पार्टी का नेतृत्व कर सकते है. देश और देशवासियों के कल्याण को लेकर उनकी प्रतिबद्धता सवालों से परे और बेमिसाल है.
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अशोक गहलोत ने कहा कि 2019 के चुनाव का नतीजा कांग्रेस के कार्यक्रम, नीति और विचारधारा की हार नहीं थी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई मोर्चो पर मोदी सरकार की विफलता के बावजूद भाजपा सरकारी मशीनरी की मदद से उग्रवाद-राष्ट्रवाद के पीछे अपनी विफलता को छिपा ले गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इस चुनाव को मुद्दा आधारित बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी.
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हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था. इसके बाद से राहुल गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं. हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें. बता दें कि राहुल गांधी के साथ बैठक से पहले अशोक गहलोत ने एक ट्वीट भी किया था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कार्यक्रमों, नीतियों और विचारधारा की हार नहीं हुई.
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उन्होंने लिखा कि अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न मोर्चों पर मोदी सरकार की विफलता के बावजूद भाजपा ने अपने कट्टर राष्ट्रवाद के पीछे अपनी भारी असफलताओं को छिपा लिया. तमाम बाधाओं के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनाव को मुद्दा आधारित बनाने की पूरी कोशिश की और भाजपा का सामना किया. अशोक गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री आज राहुल गांधी से उनके निवास पर मुलाकात कर उनके प्रति एकजुटता दिखायेंगे. इससे पूर्व भी हमने यह दिखाया है कि हम कांग्रेस अध्यक्ष के साथ हैं और हम लोकसभा 2019 की हार की जिम्मेदारी लेते हैं. (इनपुट भाषा से)