मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा कि उनकी सरकार उन किसानों और आदिवासियों की मांग के प्रति“ संवेदनशील और सकारात्मक’’ है जो प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं की तरफ खींचने के लिए नासिक से मुंबई चलकर आए हैं. विधानसभा में एक चर्चा के दौरान फडणवीस ने यह प्रतिक्रिया दी. यह चर्चा विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा शुरू की गई जिन्होंने इस लंबी यात्रा में शामिल होने के लिए किसानों की प्रशंसा की.
ये किसान इस शांतिपूर्ण विरोध यात्रा के जरिए पूर्ण ऋण माफी और फसलों पर गुलाबी कीट के हमलेऔर ओलावृष्टि से तबाह हुई फसल के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं. दक्षिण मुंबई का आजाद मैदान आज सुबह लाल सागर में तब्दील हो गया जब हजारों किसान पिछले छह दिनों से पड़ोसी जिले नासिक से करीब180 किलोमीटर की दूरी तय कर लाल झंडे अपने हाथों में लेकर यहां एकत्रित हुए.
किसनों ने बिना किसी शर्त के ऋण माफी और वन्य जमीन को जनजातीय किसानों को हस्तांतरित करने की मांगों को लेकर विधानसभा परिसर को घेरने की भी योजना बनाई है. विखे पाटिल ने सदन में कहा, “ वे( विरोध कर रहे किसान) के जे सोमैय्या मैदान से आज सुबह आजाद मैदान पहुंच गए ताकि बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे बच्चों को ट्रैफिक जाम का सामना न करना पड़े. मुंबई के लोग भी उनका ध्यान रख रहे हैं.”
उन्होंने विरोध कर रहे किसानों के नेता के साथ उनकी मांगों को लेकर मंत्रालयी समिति की जरूरत पर सवाल भी उठाया. चर्चा में फडणवीस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मांग बहुत महत्त्वपूर्ण हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, “ करीब90 से95 प्रतिशत प्रतिभागी गरीब आदिवासी हैं. वह वन्य भूमि अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. उनके पास जमीन नहीं है और वह खेती नहीं कर सकते. सरकार उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है.”
ये किसान इस शांतिपूर्ण विरोध यात्रा के जरिए पूर्ण ऋण माफी और फसलों पर गुलाबी कीट के हमलेऔर ओलावृष्टि से तबाह हुई फसल के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं. दक्षिण मुंबई का आजाद मैदान आज सुबह लाल सागर में तब्दील हो गया जब हजारों किसान पिछले छह दिनों से पड़ोसी जिले नासिक से करीब180 किलोमीटर की दूरी तय कर लाल झंडे अपने हाथों में लेकर यहां एकत्रित हुए.
किसनों ने बिना किसी शर्त के ऋण माफी और वन्य जमीन को जनजातीय किसानों को हस्तांतरित करने की मांगों को लेकर विधानसभा परिसर को घेरने की भी योजना बनाई है. विखे पाटिल ने सदन में कहा, “ वे( विरोध कर रहे किसान) के जे सोमैय्या मैदान से आज सुबह आजाद मैदान पहुंच गए ताकि बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे बच्चों को ट्रैफिक जाम का सामना न करना पड़े. मुंबई के लोग भी उनका ध्यान रख रहे हैं.”
उन्होंने विरोध कर रहे किसानों के नेता के साथ उनकी मांगों को लेकर मंत्रालयी समिति की जरूरत पर सवाल भी उठाया. चर्चा में फडणवीस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मांग बहुत महत्त्वपूर्ण हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, “ करीब90 से95 प्रतिशत प्रतिभागी गरीब आदिवासी हैं. वह वन्य भूमि अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. उनके पास जमीन नहीं है और वह खेती नहीं कर सकते. सरकार उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है.”
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