बलरामपुर में हुए बलात्कार को छोटी घटना बताने के बाद, एक और वारदात से छत्तीसगढ़ प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. यहां पर एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था, पीड़िता ने दो महीनों पहले खुदकुशी कर ली थी. लेकिन पुलिस ने दो महीनों तक इस मामले में केस तक दर्ज नहीं किया था. बदकिस्मत परिवार इस मामले में तब केस दर्ज कराने में कामयाब हुआ, जब इंसाफ की राह न दिखने पर पीड़िता के पिता ने भी खुदकुशी करने की कोशिश की.
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक शादी के दौरान एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ कथित तौर पर 7 लोगों ने बलात्कार किया था, दो महीने पहले उसने खुदकुशी कर ली लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. 4 अक्टूबर को पीड़िता के पिता ने भी जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की तब जाकर मामला दर्ज हुआ. पिता ने खुदकुशी करने की कथित तौर पर इसलिए कोशिश की, क्योंकि वो अभी तक एक एफआईआर तक दर्ज कराने में कामयाब नहीं हो पाए थे.
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खुदकुशी के बाद परिवार ने पीड़िता को दफन कर दिया था, बुधवार को पुलिस ने उसका शव ऑटोप्सी के लिए बाहर निकाला है. पुलिस का कहना है कि परिवार के अनुसार, रेप की घटना जुलाई में हुई थी. पुलिस ने दावा किया है कि उन्हें उस वक्त इसकी जानकारी नहीं दी गई थी.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी दी है कि इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. तीन आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं. घटना की जांच के लिए कोंडागांव एएसपी आनंद साहू के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया है.
(विकास तिवारी के इनपुट के साथ)
Video: हाथरस के बाद अब बलरामपुर और आजमगढ़ में रेप की घटना
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