नई दिल्ली:
पिछले साल 17 नवंबर को शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा और उसके भाई हरदीप की हत्या के मामले में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एसएस नामधारी सहित 22 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और अपहरण के आरोपों में आरोप-पत्र दायर किया गया।
दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत में आरोप-पत्र दायर किया। पुलिस ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि वह 15 फरवरी तक आरोप-पत्र दायर कर देगी लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो मजिस्ट्रेट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए 16 फरवरी के दोपहर तीन बजे तक आरोप-पत्र दायर करने का आदेश दिया था।
अदालत ने आरोप-पत्र का संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को निर्देश दिया कि वह नामधारी और गिरफ्तार किए गए 10 अन्य आरोपियों को 19 फरवरी को अदालत में पेश करे।
तकरीबन 1000 से भी ज्यादा पन्नों के आरोप-पत्र में पुलिस ने नामधारी और 21 अन्य पर आईपीसी के तहत हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश, अपहरण, गैर-कानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखने और सबूत मिटाने के आरोप लगाए हैं।
दिल्ली पुलिस ने आरोपियों को शस्त्र कानून की धाराओं के तहत भी दोषी माना है।
दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत में आरोप-पत्र दायर किया। पुलिस ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि वह 15 फरवरी तक आरोप-पत्र दायर कर देगी लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो मजिस्ट्रेट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए 16 फरवरी के दोपहर तीन बजे तक आरोप-पत्र दायर करने का आदेश दिया था।
अदालत ने आरोप-पत्र का संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को निर्देश दिया कि वह नामधारी और गिरफ्तार किए गए 10 अन्य आरोपियों को 19 फरवरी को अदालत में पेश करे।
तकरीबन 1000 से भी ज्यादा पन्नों के आरोप-पत्र में पुलिस ने नामधारी और 21 अन्य पर आईपीसी के तहत हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश, अपहरण, गैर-कानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखने और सबूत मिटाने के आरोप लगाए हैं।
दिल्ली पुलिस ने आरोपियों को शस्त्र कानून की धाराओं के तहत भी दोषी माना है।
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