नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने पौराणिक राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एचएल दात्तु और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की पीठ ने गुरुवार को दर्ज किया कि केंद्र सरकार स्वामी की याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करना चाहती। इस मामले की सुनवाई अब अगस्त के तीसरे सप्ताह में होगी।
न्यायालय ने पिछली सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता हरीन रावल से पौराणिक राम सेतु को लेकर स्वामी की याचिका पर केंद्र से निर्देश लेने को कहा था। स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरूमध्य स्थित राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। इसे 'एडम्स ब्रिज' के नाम से भी जाना जाता है।
सर्वोच्च न्ययालय ने 27 मार्च को केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने को कहा था कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सकता है या नहीं।
न्यायालय ने केंद्र सरकार को सेतुसमुद्रम परियोजना की व्यवहारिकता पर पर्यावरण विशेषज्ञ आर. के. पचौरी की अध्यक्षता वाले समूह की रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एचएल दात्तु और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की पीठ ने गुरुवार को दर्ज किया कि केंद्र सरकार स्वामी की याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करना चाहती। इस मामले की सुनवाई अब अगस्त के तीसरे सप्ताह में होगी।
न्यायालय ने पिछली सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता हरीन रावल से पौराणिक राम सेतु को लेकर स्वामी की याचिका पर केंद्र से निर्देश लेने को कहा था। स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरूमध्य स्थित राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। इसे 'एडम्स ब्रिज' के नाम से भी जाना जाता है।
सर्वोच्च न्ययालय ने 27 मार्च को केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने को कहा था कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सकता है या नहीं।
न्यायालय ने केंद्र सरकार को सेतुसमुद्रम परियोजना की व्यवहारिकता पर पर्यावरण विशेषज्ञ आर. के. पचौरी की अध्यक्षता वाले समूह की रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया।
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Centre To Court On Ram Setu, राम सेतु पर कोर्ट में भारत सरकार