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This Article is From Apr 11, 2017

सरकार की कोशिश है कि हज सब्सिडी खत्म होने पर राज्यों पर नहीं पड़े बोझ : मुख्तार अब्बास नकवी

सरकार की कोशिश है कि हज सब्सिडी खत्म होने पर राज्यों पर नहीं पड़े बोझ : मुख्तार अब्बास नकवी
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी.
नई दिल्ली: अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसी कोशिश की जा रही है कि हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से खत्म किए जाने के बाद राज्यों पर अधिक बोझ न पड़े. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में उच्चतम न्यायालय ने अपनी व्यवस्था में कहा था कि हज सब्सिडी धीरे धीरे खत्म की जानी चाहिए. इस फैसले के संबंध में एक उच्च स्तरीय समिति काम कर रही है.

नकवी ने कहा कि हज सब्सिडी खत्म करने की प्रक्रिया वर्ष 2013 से शुरू की गई. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला तब आया था जब संप्रग की सरकार थी. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सब्सिडी खत्म होने पर राज्यों पर अधिक बोझ न पड़े.

उन्होंने बताया कि देश भर में 21 ‘‘एम्बार्गेशन प्वॉइंट’’ हैं जहां से हज यात्री हज के लिए रवाना होते हैं. उन्होंने बताया कि इस हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाले यात्रियों की संख्या करीब एक लाख 70 हजार है.

नकवी ने यह बात कांग्रेस के हुसैन दलवई द्वारा उठाए गए मुद्दे के जवाब में कही. दलवई ने हज सब्सिडी समाप्त किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक समाप्त की जानी है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसे धीरे धीरे घटना चाहिए जबकि उसने एक साथ 180 करोड़ रूपये की सब्सिडी घटा दी. इससे छोटे राज्यों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.

उन्होंने मांग की कि वर्ष 2022 के बाद सरकार को हज के संबंध में छोटे राज्यों की मदद के लिए भी कदम उठाने चाहिए.

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