विज्ञापन
This Article is From May 04, 2018

केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से  एससी-एसटी एक्ट संबंधी अपने फैसले पर रोक लगाने का किया आग्रह

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इन समुदायों के अधिकारों के संरक्षण और उनके प्रति अत्याचार करने के वाले दोषी व्यक्तियों को दंडित करने पूरी तरह से हिमायती है.

केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से  एससी-एसटी एक्ट संबंधी अपने फैसले पर रोक लगाने का किया आग्रह
पीएम मोदी की फाइल फोटो
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुसूचित जाति - जनजाति कानून संबंधी अपने फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. केंद्र सरकार के इस अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इन समुदायों के अधिकारों के संरक्षण और उनके प्रति अत्याचार करने के वाले दोषी व्यक्तियों को दंडित करने पूरी तरह से हिमायती है. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इस मामले में न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ऐसे नियम या दिशानिर्देश नहीं बना सकती जो विधायिका द्वारा पारित कानून के विपरीत हों.

यह भी पढ़ें: सीलिंग मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दिल्ली में हालात सुधारने में काफी देर हो चुकी है

वेणुगोपाल ने अनुसूचित जाति - जनजाति कानून से संबंधित मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को वृहद पीठ को सौंपने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस व्यवस्था की वजह से जानमाल का नुकसान हुआ है. पीठ ने अपने 20 मार्च के फैसले को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि अनुसूचित जाति - जनजाति कानून पर अपनी व्यवस्था के बारे में निर्णय करते समय शीर्ष अदालत ने किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी पहलुओं और फैसलों पर विचार किया था. पीठ ने कहा कि वह सौ फीसदी इन समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने और उनपर अत्याचार के दोषी व्यक्तियों को दंडित करने के पक्ष में है.

यह भी पढ़ें: जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति की मांग को लेकर सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

केन्द्र ने अनुसूचित जाति - जनजाति ( अत्याचारों की रोकथाम ) कानून , 1989 के तहत तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधानों में कुछ सुरक्षात्मक उपाय करने के शीर्ष अदालत के 20 मार्च के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दो अप्रैल को न्यायालय में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने 27 अप्रैल को केन्द्र की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने का निश्चय किया था लेकिन उसने स्पष्ट कर दिया था कि वह इस मामले में और किसी याचिका पर विचार नहीं करेगी. यही नहीं , न्यायालय ने केन्द्र की पुनर्विचार याचिका पर फैसला होने तक 20 मार्च के अपने निर्णय को स्थगित रखने से इंकार कर दिया था.

VIDEO: कसौली में अधिकारी की हत्या करने वाला आरोपी गिरफ्तार.


ध्यान हो कि इस फैसले के बाद अनुसूचित जाति और जनजातियों के अनेक संगठनों ने देश में दो अप्रैल को भारत बंद का आयोजन किया था जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com