अनिल माधव दवे (फाइल फोटो)
खास बातें
- योजनाओं को मंजूरी देने में कोई भेदभाव नहीं
- सौतेली मां की तरह व्यवहार नहीं
- हर चीज ऑनलाइन और पारदर्शी है
नई दिल्ली: केंद्र ने आज कहा कि पश्चिम बंगाल या किसी भी राज्य की परियोजनाओं के लिए हरित मंजूरी देने में कोई भेदभाव और विलंब नहीं किया जा रहा है. संबंधित मंजूरी प्रणाली ऑनलाइन तथा पारदर्शी है.
पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, न तो इस सरकार ने और न ही किसी पूर्व सरकार ने पश्चिम बंगाल या किसी अन्य राज्य के साथ सौतेली मां की तरह व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार के 51 प्रस्तावों में से 39 के लिए विचारणीय शर्तें (टीओआर) तैयार करने की मंजूरी दी. निजी कंपनियों द्वारा दिए गए 15 प्रस्तावों में से केंद्र ने चार के लिए टीओआर दिया है.
दवे ने कहा, कोई विलंब नहीं किया जा रहा क्योंकि इन दिनों हर चीज ऑनलाइन तथा पारदर्शी है. परियोजनाओं को 190 दिन में मंजूरी दे दी जाती है. यदि आप कहते हैं कि इसे 110 दिन में किए जाने की आवश्यकता है, तो हमें इसके बारे में सोचने की आवश्यकता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)